36 साल पहले कल्पना ने लिखा था- क्लासरूम में कैसे होनी चाहिए पढ़ाई

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चंडीगढ़. कल्पना चावला की शुक्रवार को 16वीं पुण्यतिथि थी। उनकी पढ़ाई करनाल और चंडीगढ़ के पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई थी। उन्होंने एअरोनॉटिकलइंजीनियरिंग की थी। उस दौरान वे क्लासरूम में किस तरह के बदलाव देखना चाहती थीं, यह उन्होंने पंजाब इंजीनियरिंग कॉलेज के फीडबैक फॉर्म में लिखा था। यह फीडबैक उन्होंनेरिजल्ट आने के बादअपनी हैंडराइटिंग में22 जनवरी 1982 कोभराथा। उन्होंने कहा था कि पढ़ाई को रोचक बनाया जाना चाहिए।

सवाल: क्या आप टेस्ट में अपनी परफॉर्मेंस से पूरी तरह संतुष्ट हैं?
कल्पना: नहीं।
सवाल : क्या आप और बेहतर कर सकती थीं। यदि आपको विषय के बारे में ज्यादा जानकारी होती और टेस्ट के लिए ज्यादा वक्त दिया गया होता?
कल्पना : हां।
सवाल : क्या स्टूडेंट्स को क्लासरूम में मनोरंजक तरीके से सब्जेक्ट्स पढ़ाना चाहिए?जैसे की थियेटर में संवाद बोले जाते हैं।
कल्पना : क्लासरूम और थिएटर के माहौल में फर्क होता है। थिएटर में जहां आम विषयों को लिया जाता है। वहीं, क्लासरूम तकनीकी शिक्षा से भी जुड़े होते हैं। ऐसे में थिएटर को लेकर जैसा आकर्षण लोगों में हो सकता है वैसा क्लासरूम में नहीं होगा। फिर भी ऐसा या इसके जैसा माहौल बनाने के लिए क्लासरूम से तनाव दूर करना होगा। एब्सलूट मैकेनिकल मैनर मे पढ़ाई करने में बदलाव करना होगा। बहुत सारे उदाहरणों के साथ विषय को आसान और समझ आने योग्य बनाते हुए पढ़ाना होगा।मेरे लिए सबसे अच्छी बात है तैरते हुए भारहीन होने का अनुभव। एक खिड़की के साथ लटकते हुए आकाश के तारों को देखना और अपने पांव के नीचे पृथ्वी को महसूस करना।

स्पेस में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं कल्पना चावला
स्पेस शटल कोलंबिया में कल्पना समेत 6 एस्ट्रोनॉट्स थे । स्पेस से लौटते वक्त शेड्यूल लैंडिंग से 16 मिनट पहले शटल दुर्घटनाग्रस्त हुआ था।
कल्पना ने करनाल, चंडीगढ़ और अमेरिका में पढ़ाई की थी। इसके बाद नासा ज्वॉइन किया था। वे स्पेस में जाने वाली पहली भारतीय महिला थीं। उनके नाम पर अब करनाल में कई संस्थाएं हैं।

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kalpana chawla 16th death anniversary

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