पटना.पटना में 28 साल बाद होने वाली 3 फरवरी की कांग्रेस रैली के शोर के बीच महागठबंधन का सीट एडजस्टमेंट भी करीब-करीब फाइनल हो गया है। राजद अध्यक्ष लालू यादव और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अब तय करना है कि बिहार की सभी 40 सीटों पर वाम दलों (सीपीआई और माले) के साथ सौ फीसदी सीट एडजस्टमेंट किया जाए या नहीं। एक और विकल्प पर चर्चा चल रही है कि सीपीआई और माले के साथ एक-एक सीट एडजस्ट (समझौता) किया जाए और कुछ अन्य सीटों पर फ्रेंडली फाइट हो।
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वैसे वाम दलों को छोड़ अन्य भाजपा विरोधी दलों का महागठबंधन हो गया है। राजद और कांग्रेस महागठबंधन में दो महत्वपूर्ण और बड़े धड़े हैं। दोनों दलों के रणनीतिकारों का कहना है कि कम से कम राजद का 20 और कांग्रेस का 10 सीटों पर लड़ना तय है। बची 10 सीटों पर अन्य सभी सहयोगी दलों को एडजस्ट करने की प्रक्रिया भी पूरी हो गई है। पार्टी के नेता और उसके वोटरों की ताकत के हिसाब से सीटों की संख्या तय की जा रही है।
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महागठबंधन नेतृत्व द्वारा रालोसपा अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा और लोजद नेता शरद यादव को एक साथ 5 सीटों पर लड़ने को कहा गया है। इसमें उपेंद्र कुशवाहा को अपना तीन उम्मीदवार और शरद यादव को दो उम्मीदवार तय करना है। दोनों नेता एक साथ एक झंडा और चुनाव चिन्ह पर लड़ेंगे तो उनकी सीट 5 हो जाएगी। पर, अब तक उपेंद्र कुशवाहा और शरद यादव इस मसले पर एक साथ नहीं हो पाए हैं। दोनों राजद और कांग्रेस नेतृत्व की ओर देख रहे हैं। सीट के हिसाब से काराकाट और मोतिहारी पर रालोसपा और मधेपुरा पर लोजद को लड़ना है। लेकिन, सीतामढ़ी से रालोसपा सांसद राम कुमार शर्मा अभी एमपी हैं, वहीं शरद के खास अर्जुन राय भी इसी सीट पर लड़ना चाहते हैं। मामला यहीं फंसा हुआ है। अगर इस विवाद में जीत राम कुमार शर्मा की होगी तो जमुई सीट से लोजद के उदय नारायण चौधरी चुनाव लड़ सकते हैं। राजद नेतृत्व का भी चौधरी के प्रति सॉफ्ट कार्नर है।
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हम (से) के नेता जीतन राम मांझी गया से लड़ेंगे। पार्टी की यही इच्छा है। लेकिन, उसके दो और नेता वृशिण पटेल और महाचंद्र प्रसाद सिंह भी चुनाव लड़ना चाहते हैं।महागठबंधन में हम को दो ही सीट मिल रही है। महाचंद्र प्रसाद सिंह महाराजगंज और वृशिण पटेल मुंगेर से चुनाव लड़ना चाहते हैं। दोनों में से किसे टिकट मिलेगा अभी तय होना बाकी है। वीआईपी अध्यक्ष सन ऑफ मल्लाह मुकेश सहनी ने खुद के लिए दरभंगा और अपने सहयोगी के लिए खगड़िया सीट मांगी है और इस पर करीब-करीब सहमति है। इसके साथ राजद नेतृत्व को तय करना है कि वह जाप नेता पप्पू यादव के लिए महागठबंधन में सीट छोड़ता है कि सपा नेता देवेंद्र यादव को चुनाव लड़वाता है।
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माले के लिए आरा सीट और सीपीआई के लिए बेगूसराय सीट छोड़ने पर सहमति बनती दिख रही है। लेकिन,वाम दल कम से 3-4 सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। अगर वाम दलों की सीट 2 से 4 की गई तो इसके लिए हम और लोजद को एक-एक सीट कुर्बान करनी पड़ेगी। ऐसे में हम से सिर्फ जीतन राम मांझी और लोजद से सिर्फ शरद यादव ही चुनाव लड़ पाएंगे। इस कारण यह मामला राजद और कांग्रेस नेतृत्व स्तर पर पहुंचा गया है। वहीं तय होना है कि बिहार में वाम दलों के साथ सौ फीसदी सीट एडजस्टमेंट किया जाए या नहीं।