नई दिल्ली.सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति के लिए प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली समिति की शुक्रवार को बैठक हुई। हालांकि, इसमें एक बार फिर एजेंसी के नए प्रमुख के नाम पर फैसला नहीं हो सका। इससे पहले 24 जनवरी को भी समिति की बैठक बेनतीजा रही थी। 10 जनवरी को आलोक वर्मा को हटाए जाने के बाद से ही केंद्रीय जांच एजेंसी के प्रमुख का पद खाली पड़ा है।
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पैनल के सदस्यों में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई और लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे भी शामिल हैं। एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि शुक्रवार को बैठक होना तय हुई है। उसने इस संबंध में और ज्यादा जानकारी नहीं दी।
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पिछली बैठक में पैनल ने समिति के सदस्यों को योग्य उम्मीदवारों के नाम सुझाए थे। खड़गे ने इस बारे में कहा था- सरकार ने 70-80 नाम पेश किए। उनके एक्सपीरियंस और करियर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी गई। हमने सभी जरूरी जानकारियां मुहैया कराने की बात कही थी।
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पूर्व चीफ आलोक वर्मा और पूर्वस्पेशल डायरेक्टर आलोक वर्मा ने एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जिसके बाद दोनों को छुट्टी पर भेज दिया गया था। हालांकि, 9 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने वर्मा को पद पर बहाल कर दिया था।
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार समिति ने वर्मा को सीबीआई चीफ की पोस्ट से हटा दिया था। उन्हें सिविल डिफेंस, फायर सर्विसेस और होम गार्ड विभाग का डायरेक्टर जनरल बनाया गया था।वर्मा ने इसे स्वीकार नकरते हुए इस्तीफा दे दिया था।
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17 जनवरी को अस्थाना का भी सीबीआई से तबादला कर दिया गया था। उनके साथ तीन अन्य अफसरों को भी जांच एजेंसी से हटा दिया गया था। उन्हें सिविल एविएशन सिक्युरिटी ब्यूरो में महानिदेशकबनाया गया था।
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- 2016 में सीबीआई में नंबर दो अफसर रहे आरके दत्ता का तबादला गृह मंत्रालय में कर अस्थाना को लाया गया था।
- दत्ता भावी निदेशक माने जा रहे थे,लेकिन गुजरात कैडर के आईपीएस अफसर राकेश अस्थाना सीबीआई के अंतरिम चीफ बना दिए गए।
- अस्थाना की नियुक्ति को वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी। इसके बाद फरवरी 2017 में आलोक वर्मा को सीबीआई चीफ बनाया गया।
- सीबीआई चीफ बनने के बाद आलोक वर्मा ने अस्थाना को स्पेशल डायरेक्टर बनाने का विरोध कर दिया। उन्होंने कहा था कि अस्थाना पर कई आरोप हैं, वे सीबीआई में रहने लायक नहीं हैं।
- अस्थाना स्पेशल डायरेक्टर बनाए गए। लेकिन मीट कारोबारी मोइन कुरैशी से जुड़े एक मामले की जांच के बाद अस्थाना और वर्मा ने एक-दूसरे पर रिश्वतखोरी के आरोप लगाए।