नई दिल्ली. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने डीटीएच ऑपरेटर्स से कहा है कि अगर उपभोक्ता लंबी अवधि के पैक जारी रखना चाहता है, तो इसका सम्मान किया जाए। ट्राई ने यह एडवाइजरी इसलिए जारी की है, क्योंकि रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि ऑपरेटर्स लंबी अवधि का पैक लेने वाले उपभोक्ताओं को प्लान जारी रखने का विकल्प नहीं दे रहे हैं। ऑपरेटर्स ऐसे उपभोक्ताओं को नए नियमों के तहत ही पैक और चैनल सिलेक्ट करने के लिए बाध्य कर रहे हैं।
नए नियम लागू करने और उपभोक्ताओं को मन मुताबिक चैनल और पैक सिलेक्ट करने के लिए ट्राई ने 1 फरवरी की डेडलाइन तय की है।
उपभोक्ता के पास पैक जारी रखने का विकल्प- ट्राई
ट्राई के चेयरमैन आरएस शर्मा ने न्यूज एजेंसी से कहा- 1 फरवरी की डेडलाइन में कोई बदलाव नहीं होने जा रहा है। हमें विश्वास है कि हम अच्छी तरह से नए नियमों को अपना लेंगे और उपभोक्ताओं को कोई परेशानी नहीं होगी। अगर उपभोक्ताओं ने नए नियमों के तहत बदलाव करने का मन बना लिया है और उन्होंने पहले से लंबे या छोटी अवधि के पैक ले लिए हैं, तो इसे एडजस्ट किया जाएगा। प्लान खत्म होने तक उपभोक्ता के पास उसे जारी रखने का विकल्प होगा।
‘बची हुई राशि को एडजस्ट किया जाएगा’
शर्मा ने साफ किया कि अगर लंबी अवधि का पैक लेने वाला उपभोक्ता बीच में ही नए नियमों के तहत अपने पैक या चैनलों का चयन करना चाहता है, तो ऑपरेटर्स को उसकी शेष राशि का समायोजन करना होगा। यह उपभोक्ता की इच्छा पर निर्भर करता है कि वह अपने लंबी अवधि के पैक को खत्म होने तक जारी रखना चाहता है या फिर नए नियमों के तहत पैक चुनना चाहता है। सेवा बाधित होने का सवाल ही नहीं होता है। यह उपभोक्ता पर निर्भर करता है कि वह कब री-चार्ज करवाना चाहता है।
ट्राई ने केबल और डीटीएच ऑपरेटरों के लिए नए नियम लागू किए हैं, िजसके तहत उपभोक्ता को केवल उन्हीं चैनलों के लिए राशि अदा करनी होगी, जिन्हें वह देखना चाहता है। उपभोक्ता केवल उन्हीं चैनलों का चयन कर सकता है, जिन्हें वह देखना चाहता है। हर चैनल को अपने इलेक्ट्रॉनिक प्रोग्राम गाइड में अपने रेट साफ दिखाने होंगे।
ट्राई ने फैसले पर विचार के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट में अपील की
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मंगलवार को डीटीएच-केबल सेवाओं में एक फरवरी से लागू होने वाले नए नियमों पर रोक लगा दी थी। इसके बाद बुधवार को ट्राई ने इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए हाईकोर्ट में अपील की है। हाईकोर्ट में करीब 80 लोकल केबल ऑपरेटर्स (एलसीओ) ने नए नियमों को लेकर अपील की थी। एलसीओ का कहना था कि नए नियम पूरी तरह से मल्टिपल सिस्टम ऑपरेटर्स (एमएसओ) के पक्ष में हैं और इससे हमारा व्यवसाय आर्थिक रूप से कमजोर हो जाएगा। एडिशनल सॉलिसीटर जनरल कौशिक चंदा ने कहा कि एमएसओ और एलसीओ के पास विकल्प है कि वह आपसी सहमति के आधार पर राजस्व साझेदारी के समझौते में कदम रखें, या फिर ट्राई द्वारा तय किए गए नियमों के मुताबिक चलें।
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