बभनी/सोनभद्र(अरुण पांडेय)विद्यालयों में बच्चों को मुंह चिढ़ाते नजर आ रहे सोलर आर ओ पम्प। विकास खंड बभनी के कुल २०विद्यालयों में लगे सोलर आरो पम्पों में से सिर्फ १५ आरो पम्प ही क्रियाशील है विकास खंड बभनी में लगभग २० विद्यालयों में सोलर आरो पम्प लगाए गये हैं जो सिर्फ बच्चों को मुंह चिढ़ाते हुए केवल अपनी ओर आकर्षित करते हैं और विद्यालयों में लगे हैंडपंप भी खराब पड़े होते हैं
जिससे बच्चे अपनी प्रयास बुझाने को मजबूर रहते हैं अध्यापकों के द्वारा हैंडपंपों की मरम्मत हेतु ग्राम प्रधानों को दी जाती है जिसकी राह देखते देखते कई महीने गुजर जाते हैं परंतु इसकी सुनवाई होती ही नहीं है ब्लाक में बैठे सहायक ग्राम पंचायत अधिकारी अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि सभी सोलर आरो पम्प सही हैं परंतु जब खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में उपस्थित ए बी आर सी से फोन पर बात कराई गयी तो पता चला कि ब्लाक संसाधन केंद्र परिसर में तीन हैंडपंप व एक सोलर आरो पंप है जिसमें सिर्फ एक ही हैंडपंप सही है जिसकी मरम्मत तीन दिन पहले कराई गई है
पूर्व मा.वि.बभनी के प्रधानाचार्य फेकूराम शर्मा ने बताया कि पंद्रह बीस दिनों से बच्चों को मिनरल वाटर खरीद कर पिलाया जा रहा था ऐसे कई विद्यालयों की दशा है जो सोलर आरो सिर्फ सो पीस बने हुए हैं जब बच्चों के पीने के पानी की समस्याएं हैं तो एम डी एम कैसे संचालित होगा कई विद्यालयों के शिक्षकों ने बताया कि पानी की समस्याओं के कारण शौचालय प्रयोग विहीन हैं जब विद्यालयों में ये दशा है तो गांवों को ओ डी एफ कैसे बनाया जाएगा पूर्व माध्यमिक विद्यालय बभनी चपकी इकदिरी असनहर करकच्छी घसियाटोला आदि जैसे लगभग ६० फीसदी विद्यालयों में पेयजल संकट है जिससे बातचीत के दौरान ए डी ओ साहब ने बताया कि अधिकारी हैंडपंप का पानी नहीं पी पाते हैं जिसकी वजह से बिसलेरी या मिनरल वाटर खरीदा जाता है तो ये तो अपनी प्यास बुझा लेते हैं फिर बच्चों के लिए हैंडपंप की भी व्यवस्था क्यों नहीं करते हैं