सोनभद्र(सीके मिश्रा)स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में शौचालय का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है शौचालय के निर्माण के साथ ही शौचालय के प्रयोग पर भी बल दिया जाना है शौचालय के प्रयोग हेतु सर्वप्रथम यह आवश्यक है कि लोगो के व्यवहार में परिवर्तन किया जाए जिसके लिए उनको समझाने की आवश्यकता होती है
एवं लोगों को व्यवहार परिवर्तन हेतु उनका मानसिक परिवर्तन भी खुले में शौच के प्रति किया जाना आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के इस अभियान में कि हमारा भारत स्वच्छ हो उस की सबसे छोटी इकाई ग्राम पंचायत है जनपद के सभी ग्राम पंचायतों ने पूर्व में भी अपने गांव को साफ कर पूरे भारत में एक मिसाल प्रस्तुत किया था।
पुनः ग्राम पंचायत सेमर व ग्राम पंचायत
हरथर के प्रधान निगरानी टीम एवं गांव के सभी लोगों ने मिलकर गांव के हर सार्वजनिक स्थानों की सफाई पुनः शुरू कर दी है जिसमें गांव का हर महिला पुरुष एवं बच्चे सुबह 5 बजे भोर से 6:00 बजे तक एक घंटा अपने गांव के लिए श्रमदान कर रहे हैं और गांव के बगल के रोड, चकरोड, गलियां, स्कूल पंचायत भवन सभी स्थानों को हावड़ा से साफ कर रहे हैं एवं महिलाएं झाड़ू लगाकर उसको साफ कर रही हैं इसका उद्देश्य यह है
कि जब लोग अपने गांव को साफ करेंगे तो उस स्थान को गंदा नहीं करेंगे और जब स्थान साफ दिखेगा तो खुले में शौच करने भी नहीं जाएंगे। जिससे कि उनके व्यवहार में परिवर्तन होगा एवं लोग अपने शौचालय का प्रयोग निरंतर करेंगे इस ग्राम पंचायतों में ग्राम प्रधान स्वयं फावड़ा उठाकर गांव के लोगों के साथ घास एवं गंदगी के स्थानों को साफ कर रहे हैं जिसमें ग्राम पंचायत सेमर के ग्राम प्रधान राजाराम विश्वकर्मा एवं ग्राम पंचायत हरथर के ग्राम प्रधान सूबेदार सिंह पुनः एक रोल मॉडल में आ रहे हैं और जनपद में स्वच्छता का अलग जगाने के लिए प्रयास कर रहे हैं अब देखना यह है कि इसको देखकर कितने ग्राम पंचायतों के प्रधान निगरानी टीम वहां के ग्रामीण अपने गांव को साफ करने के लिए आगे आते हैं।
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