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शरीफ पिछले 26 साल से शहर में ऑटो चला रहे हैं. वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जिससे अपने बच्चों के सपनों को साकार कर सके. बच्चों के कोचिंग की फीस देने के लिए वे दिन निकलने से लेकर देर शाम तक काम कर रहे हैं.
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शरीफ पिछले 26 साल से शहर में ऑटो चला रहे हैं. वे कड़ी मेहनत कर रहे हैं, जिससे अपने बच्चों के सपनों को साकार कर सके. बच्चों के कोचिंग की फीस देने के लिए वे दिन निकलने से लेकर देर शाम तक काम कर रहे हैं.
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