डाला/सोनभद्र(गिरीश तिवारी)चोपन थाना क्षेत्र के बारी स्थिति मुख्य मार्ग से सटे गॉव जाने वाले मार्ग पर दो जगह बाडी़ गांव व मल्लहिया टोला में जाने वाले संपर्क मार्ग के किनारे मोरम भण्डारण के नाम पर सोन नदी से विधिवत ट्रैक्टरों द्वारा अवैध बालू खनन कर एकत्रित किया जा रहा है।अवैध खनन से जंहा एक तरफ राजस्व का नुकसान हो रहा है वंही सोन नदी के जलीय जीव जंतुओं को भी नुकसान पहुंच रहा है।
ओबरा वन प्रभाग के डाला रेंज में भण्डारण का लाईसेंस बताने वालों के लिए खास बात यह है कि वन क्षेत्र से इस अवैध बालू खननकर्ताओं की हिफाज़त करने वाला कौन है। भण्डारण के नाम पर अवैध खनन में संलिप्त लोगों से विभागीय दोस्ताना संबंध भी आमजन में चर्चा का विषय हैं।खननकर्ता ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ रात में कच्चे रास्तों के जरिए वाहन को नदी के गर्भ में ले जाकर अवैध खनन को अंजाम देते हैं लेकिन विभाग को भनक नहीं लग पाती। मोरम खनन सामग्री के भण्डारण के लाइसेंस की अनुमति तो है लेकिन उसके नियम व शर्तों को लागू नहीं किया जा रहा है यदि नदी या नजदीक खेत से खनन कर भण्डारण किया जा रहा है तो यह अवैध श्रेणी में माना जाना चाहिए।जबकि खनन के क्षेत्र में पारदर्शिता लाने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए खनन के लिए भूमि के पट्टे आवंटित करने में पारदर्शिता लाने के लिए ई-टेंडरिंग व्यवस्था शुरू की गई है ताकि सब कुछ नियमानुसार चले।लेकिन अवैध बालू खननकर्ताओं द्वारा सरकार का माखौल उडाया जा रहा है।