पर्यावरण को संतुलित कर मानव के अस्तित्व की रक्षा करने के लिए वृक्ष अतिआवश्यक-अतुल सिंह थानाध्यक्ष चोपन*

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*वृक्ष जनजीवन के लिए छाव, फल औषधि के लिये लाभदायक साथ ही जीवों द्वारा छोड़े गए कार्बन डाइ-ऑक्साइड को वृक्ष जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करता है-इम्तियाज अहमद*

चोपन-सोनभद्र-(गुड्डू मिश्रा)आज महिला सुरक्षा एवं जन सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष सावित्री देवी के द्वारा थाना चोपन में वृक्षारोपण आयोजन किया गया।थाना प्रांगण में 5 लगाया गया। जिसमे मुख्य रूप से थाना निरीक्षक अतुल कुमार सिंह,चेयर मैन चोपन इम्तियाज अहमद,उप निरीक्षक दिग्विजय सिंह,सिपाही अश्वनी सिंह,सतेंद्र,जिग्नेश,प्रदीप राय व सभी कर्मचारी उपस्थित रहे।अतुल सिंह ने पर्यावरण व वृक्षों की महिमा का बखान करते हुए कहा गया है कि – “ दस कुओं के बराबर एक बावड़ी, दस बावड़ियों के बराबर एक तालाब, दस तालाबों के बराबर एक पुत्र, और दस पुत्रों के बराबर एक वृक्ष होता है।भविष्य पुराण के अध्याय 10-11 में विभिन्न वृक्षों को लगाने और उनका पोषण करने के बारे में वर्णन किया गया है ।संस्था की अध्यक्ष सावित्री देवी ने कहा की जो व्यक्ति छाया, फूल और फल देने वाले वृक्षों का रोपण करता है या मार्ग में तथा देवालय में वृक्षों को लगाता है, वह अपने पितरों को बड़े-बड़े पापों से तारता है और रोपणकर्ता इस मनुष्यलोक में महती कीर्ति तथा शुभ परिणाम प्राप्त करता है। अतः वृक्ष लगाना अत्यंत शुभदायक है। जिसको पुत्र नहीं है, उसके लिए वृक्ष ही पुत्र समान है।वृक्षों से होने वाले इन्ही लाभों के कारण मनुष्य ने इनकी तेजी से कटाई की है| औद्योगिक प्रगति एवं वनोंमूलन इन दोनों के कारण पर्यावरण प्रदूषित हो गया है| वृक्ष पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में सहायक होते हैं| मनुष्य अपने लाभ के लिए कारखानों की संख्या में वृद्धि करता रहा, किंतु उस वृद्धि के अनुपात में उसने पेड़ों को लगाने की ओर ध्यान ही नहीं दिया, इसके विपरीत उसने जमकर उनकी कटाई की| आदर्श नगर पंचायत चोपन के नगर अध्यक्ष इम्तियाज अहमद ने कहा की वृक्ष हमारे लिए कई प्रकार से लाभदायक होते हैं| जीवों द्वारा छोड़े गए कार्बन डाइ-ऑक्साइड को ये जीवनदायिनी ऑक्सीजन में बदल देते हैं| इनकी पत्तियों, छालों एवं जड़ों से हम विभिन्न प्रकार की औषधियां बनाते हैं| इनसे हमें रसदार एवं स्वादिष्ट फल प्राप्त होते हैं| वृक्ष हमें छाया प्रदान करते हैं| इनके छाया में पशु-पक्षी ही नहीं, मानव भी चैन की सांस लेते हैं| जहां वृक्ष पर्याप्त मात्रा में होते है, वहां वर्षा की मात्रा भी सही होती है| वृक्षों की कमी सूखे का कारण बनती है| वृक्षों से पर्यावरण की खूबसूरती में निखार आता है| वृक्षों से प्राप्त लकड़ियाँ भवन- निर्माण एवं फर्नीचर बनाने के काम आती है| इस तरह, मनुष्य जन्म लेने के बाद से मृत्यु तक वृक्षों एवं उनसे प्राप्त होने वाले विभिन्न प्रकार की वस्तुओं पर निर्भर रहता है।

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