सोनभद्र की महिलाओं ने सीखा डीआरई आधारित फूड प्रोसेसिंग का हुनर
नवीन चंद्र
कोन (सोनभद्र)। सोनभद्र जिले की ग्रामीण महिलाएं अब स्वच्छ ऊर्जा तकनीक के सहारे आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ा रही हैं। उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक, आईएएस दीपा रंजन के नेतृत्व में सोनभद्र के कोन, बभनी और रॉबर्ट्सगंज विकास खंडों में डीआरई (डिस्ट्रिब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी) आधारित फूड प्रोसेसिंग मशीनों के संचालन पर विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया।

पीसीआई इंडिया और प्रेरणा ओजस के सहयोग से आयोजित इस प्रशिक्षण में 50 से अधिक महिला समूहों ने भाग लिया। कार्यक्रम में उम्मीद सीएलएफ (कोन), उड़ान सीएलएफ (बभनी) और संस्कार सीएलएफ (रॉबर्ट्सगंज) की महिलाएं शामिल रहीं।

प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को ऊर्जा दक्ष फूड प्रोसेसिंग मशीनों की कार्यप्रणाली, रखरखाव और उपयोग की जानकारी दी गई। साथ ही महिलाओं ने संतरा, नींबू, पपीता, टमाटर और आंवला जैसे फलों से जूस, जैम, अर्क, चटनी, प्यूरी आदि बनाने की विधियां भी सीखी।

इसके अतिरिक्त एलोवेरा से साबुन, शैम्पू, स्किन जेल और हैंडवॉश जैसे घरेलू उत्पादों के निर्माण का भी प्रशिक्षण दिया गया। यह प्रशिक्षण न केवल तकनीकी ज्ञान से भरपूर था, बल्कि महिलाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने वाला भी साबित हुआ।
पीसीआई इंडिया के एसोसिएट निदेशक आदिल अब्बास ने बताया कि यह पहल महिलाओं को सतत आजीविका के साधनों से जोड़ने, स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक सार्थक कदम है।
इस तरह की योजनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में नवाचार, सशक्तिकरण और हरित तकनीकों के उपयोग का उत्कृष्ट उदाहरण बनकर उभर रही हैं, जो अन्य जिलों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकती हैं।