सर्वेश कुमार
शक्तिनगर। कोयला क्षेत्र में आउटसोर्स के जरिए कराए जा रहे हजारों करोड़ के कार्यों में हर तरफ मनमानी का मुद्दा गंभीर होता जा रहा है। खदानों में ओवरलोडिंग के चलते पैदा प्रदूषण, अवैध व असुरक्षित तरीके से कोयला खदानों में संचालित उत्खनन व परिवहन मशीनों, एचएसडी आपूर्ति व लाइसेंस, नौकरी के नाम पर वसूली, क्षेत्रीय बेरोजगारों को दरकिनार किए जाने सहित अन्य आउटसोर्स प्रभावों का विस्तार से आकलन होगा। इसके लिए केंद्र व राज्य सरकार की एजेंसियों का सहयोग लिया जाएगा। बदले परिवेश में आउटसोर्स की जरूरत व मीडिया की भूमिका विषय पर आयोजित एक खास कार्यक्रम में द प्रेस सिंडिकेट शक्तिनगर/ सिंगरौली के अध्यक्ष आरके श्रीवास्तव व प्रेस क्लब अनपरा के अध्यक्ष दीपक सिंह ने बेबाकी से पक्ष रखा। श्री श्रीवास्तव ने सार्वजनिक प्रतिष्ठानों की क्षमता विस्तार व तेज विकास के लिए आउटसोर्स को वक्त की जरूरत बताते हुए कहा कि कमाई की होड़ में निजी कंपनियां उन हितों को हासिये पर डाल दिया है जो एक सभ्य व स्वस्थ्य विकसित समाज के लिए जरूरी है। दीपक सिंह ने विकास को राष्ट्र की आवश्यकता बताते हुए कहा कि हमें यह तय करना होगा कि विकास विनाश की कीमत पर तो नहीं हो रहा है। बैठक में एनसीएल खड़िया ओसीपी में अधिभार हटाने आईं कलिंगा कामर्शियल कार्पोरेशन लिमिटेड (केसीसीएल) में नौकरी के नाम पर हो रही वसूली, ओवर बर्डेन निस्तारण में अवैध तरीके से संचालित की जा रही हैवी मशीनों, माइंस एरिया में ओवरलोडिंग के चलते पैदा प्रदूषण आदि नीतिगत मुद्दों पर मीडिया के सम्मानित प्रतिनिधियों ने राय व्यक्त किया। इसके बाद तय किया गया कि उपरोक्त खामियों को कोयला मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय, राज्यों के परिवहन आयुक्त, केंद्रीय व राज्य स्तरीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, डीजीएमएस, विस्फोटक नियंत्रक तक पहुंचाने की ठोस व प्रभावी रणनीति तैयार की जाएगी। मीडिया की एक टीम सभी पक्षों से संपर्क कर आउटसोर्स के दुष्प्रभावों पर एक विस्तृत जमीनी रिपोर्ट तैयार करेगी और इस रिपोर्ट को आम जनता के साथ उचित मंचों पर रखा जाएगा। बैठक के दौरान अमरेश मिश्रा, वीके त्रिपाठी, अतुलेश राय, राज नारायण गिरि, आनंद गुप्ता, प्रवीण पटेल, उमेश सागर आदि मौजूद रहे।
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