मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया सम्मानित
रिपोर्टर पुरूषोत्तम चतुर्वेदी
वाराणसी।अयोध्या में सिंघल फाउंडेशन के बैनर तले आयोजित भारतात्मा अशोक सिंघल वेद पुरस्कार-2024 के कार्यक्रम में वाराणसी के आचार्य गोपालचंद्र मिश्र वैदिक उन्नयन संस्थान को ‘उत्तम वेद पाठशाला’ के सम्मान से नवाजा गया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्थान को सात लाख रुपये की पुरस्कार राशि, मेडल और प्रमाण पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सनातन ही दुनिया का एकमात्र धर्म है। सनातन धर्म सुरक्षित एवं समृद्धि के पथ पर अग्रसर रहेगा तो विश्व मानवता के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होगा। अगर सनातन धर्म खतरे में पड़ेगा तो विश्व मानवता का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा ‘‘श्रद्धेय अशोक सिंघल जी ने काशी हिंदू विश्विद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री ली थी, लेकिन उनका जीवन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक प्रचारक के रुप में सनातन धर्म के लिए समर्पित था। श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन और अशोक सिंघल एक-दूसरे के पूरक थे।”
आचार्य गोपालचंद्र मिश्र वैदिक उन्नयन संस्थान काशी में स्थित है। इस प्रतिष्ठान की स्थापना 1994 में प्रख्यात वैदिक विद्वान आचार्य गोपालचंद्र मिश्र जी की स्मृति में उनकी धर्मपत्नी और संतानों द्वारा की गई थी। इस संस्थान में शुक्ल यजुर्वेद, कृष्ण यजुर्वेद, सामवेद और ऋग्वेद की विभिन्न शाखाओं का गहन अध्ययन और छात्रावासीय व्यवस्था के साथ अध्यापन होता है। संस्थान ने अब तक 29 महत्वपूर्ण वेद-ग्रंथों का प्रकाशन भी किया है। संस्थान के छात्रों ने देश-विदेश में वेदविद्या का प्रसार किया है और अपनी परंपरा को सशक्त किया है।
पत्रकारों से बातचीत के दौरान, डॉ गंगाधर मिश्र ने कहा , “यह संस्था वर्तमान में 60 वेदपाठी छात्रों को नियमित अध्ययन कार्य हेतु सतत तत्पर हैl सिंहल फाउंडेशन उदयपुर द्वारा उत्तम वेद पाठशाला पुरस्कार प्राप्त कर गौरवान्वित महसूस कर रहा है। प्रभु श्री राम के जन्मस्थली अयोध्या में सनातन धर्म के पुरोधा श्री अशोक सिंघल जी की स्मृति में उत्तर प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी तथा महान वैदिक संत गोविंद गिरी जी महाराज द्वारा पुरस्कार प्राप्त कर वेद विद्या की रक्षा हेतु भविष्य में यह संस्था अग्रसर होगा। साथ ही साथ विलुप्त होते जा रहे वेद की शाखा को पुनर्जीवित हेतु प्रयास करता रहेगा”।
इस साल भारतात्मा अशोक सिंघल वेद पुरस्कार के तहत चार श्रेणियों में सम्मान दिए गए, जिसमें वयोवृद्ध ब्रह्मर्षि विष्णु पटल सुब्रमण्यम को ‘लाइफटाइम अचीवमेंट’ अवार्ड, और ‘आदर्श वेदाध्यापक’ आर. चंद्रमौलि श्रौती को पांच लाख मेडल व प्रमाण पत्र व ‘उत्कृष्ट वेद विद्यार्थी’ नारायण लाल को तीन लाख रुपये की पुरस्कार राशि, मेडल और प्रमाण से सम्मानित किया गया।