हॉस्पिटल के चिकित्सा व स्वस्थकार्मियों की लापरवाही से हुई मौत में कार्यवाही की कर रहे परिजन मांग!
दुद्धी-सोनभद्र(रवि कुमार सिंह)। कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग के ठीक बगल में स्थित प्रेरणा फाउंडेशन हॉस्पिटल में जच्चा बच्चा की मौत होने से परिजनों में आक्रोश व्याप्त है! आपको बताते चले की संगीता देवी उम्र लगभग 30 वर्ष पत्नी सोनू पटेल निवासी बहेराडोल थाना हाथीनाला जो सोमवार की शाम 6 बजे अपने परिजनों के साथ प्रेरणा अस्पताल के एंबुलेंस से द्वारा हॉस्पिटल में प्रसव हेतु लाई गई थी जो काफी दर्द से कराह रही थी, हॉस्पिटल के स्वास्थ्य कर्मियों के द्वारा गर्भवती महिला को डिलेवरी के लिए भर्ती कर लिया गया और परिजनों को आस्वस्त किया
गया कि जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ रहेंगे और प्रसव होने में कोई समस्या होंगी! रात्रि में गर्भवती महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया जिसके 10 से 15 मिनट के बाद बच्चे की मौत हो गई, जिसे अस्पताल के लोगों के द्वारा कहा गया इस बच्चे को जाकर दफना दे, नहीं तो बच्चे की मां की तबीयत भी बिगड़ सकती है! रात्रि 11:00 बजे परिजनों ने मृतक नवजात बच्चे को मिट्टी में दफन किया और रात्रि में जब अस्पताल आए तो अस्पताल कर्मियों से मृतक बच्चे की मां की हालत जानना चाहा तो उस वक्त भी उनके द्वारा यह कहा गया कि खतरे की कोई बात नहीं है! इलाज चल रहा है परिजनों के कई बार पूछने पर भी हॉस्पिटल कर्मियों के द्वारा गुमराह कर रखा गया जिसका नतीजा रहा कि सुबह 3:30 नवजात शिशु की मां की भी मौत हो गई! उसके बाद हॉस्पिटल कर्मियों ने उसे रेफर करने की प्रक्रिया परिजनों को बताई! जब परिजनों ने संगीता देवी को देखा तो उसके शरीर में किसी तरीका का कोई भी हलचल महसूस नही हुई तो सभी दहाड़े मारकर रोने लगे और अस्पताल कर्मियों पर भड़क उठे! बवाल बढ़ता देख किसी ने पुलिस को सूचना दिया सूचना के सुबह 4 बजे भोर में पुलिस पहुंच गई!और आक्रोशित लोगों को शांत करते हुए उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया एवं शव को कब्जे में ले कर पीएम हेतु मर्जरी भेजवा दिया! सुबह मृतिका के पति व परिजन प्रेरणा हॉस्पिटल के विरुद्ध उचित कार्यवाही की मांग कर रहे है!
खबर लिखे जाने तक परिजनों के द्वारा थाने में तहरीर नहीं दी गई थी! वही प्रेरणा फाउंडेशन हॉस्पिटल की ओटी को कुछ दिनों पहले अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी नोडल गुलाब शंकर यादव के द्वारा सील किया गया था उसके बाद भी घटना घट गई अब यह सवाल खड़ा होता है कि अधिकारी के द्वारा उक्त हॉस्पिटल की ओटी सील करने के बाद भी प्रसव हेतु महिला को कैसे भर्ती कर लिया गया और भर्ती भी किया गया तो जच्चा बच्चा की जान क्यों नहीं बची! वही इस मामले में सीएचसी अधीक्षक से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उक्त घटना संज्ञान में आई है! जिसको लेकर उच्च अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है! नोडल निगरानी की टीम द्वारा जांच की जाएगी! इस मौके पर सोनू पटेल, विकास पटेल, राजेश पटेल, विंध्याचल पटेल, कविता देवी, लीलावती देवी सहित अन्य परिजन व ग्रामीण मौजूद है!