राजेश पाठक/सर्वेश कुमार
सोनभद्र। साढ़े पांच वर्ष पूर्व फुलझरिया की आंख के नीचे तीर जैसे हथियार से प्रहार कर गंभीर चोट पहुचाने के मामले में मंगलवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम जीतेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोषसिद्ध पाकर दोषी राम सुभग को 10 वर्ष की कठोर कैद व 15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष के मुताबिक बिहारी खरवार पुत्र स्वर्गीय बबलू खरवार निवासी बहेराडार थाना जुगैल, जिला सोनभद्र ने 23 अगस्त 2018 को थाने में दी तहरीर में अवगत कराया था कि उसकी बहन फुलझरिया करीब 10 साल से पति को छोड़ने पर उसी के साथ रहती है। करीब दो साल से राम सुभग पुत्र राम सागर खरवार निवासी जुगैल टोला जोरवा, थाना जुगैल, जिला सोनभद्र के साथ रह रही थी। परन्तु एक माह से आपसी विवाद की वजह से वह उसी के यहां रहती थी।बावजूद इसके राम सुभग उसके घर आकर बहन से विवाद करता था। बीती रात को राम सुभग ने तीर जैसे नुकीले हथियार से बहन की आंख के नीचे वार कर गंभीर चोट पहुंचा दिया। जिसे दवा इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है आवश्यक कार्रवाई की जाए। इस तहरीर पर पुलिस ने राम सुभग पुत्र राम सागर निवासी जुगैल टोला जोरवा, थाना जुगैल, जिला सोनभद्र के विरुद्ध एफआईआर दर्ज किया। मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी राम सुभग को 10 वर्ष की कठोर कैद व 15 हजार रूपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर 4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। जेल में बितायी अवधि सजा में समाहित की जाएगी। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विनोद कुमार पाठक एडवोकेट ने बहस की।