सांस फूलती हैं, खासी और सीने में जकड़न के साथ-साथ घर्र-घर्र की आवाज हो तो आपको भी अस्थमा हो सकता- डा एस.के. पाठक

अस्थमा में स्टीरॉयड का सेवन हो सकता है घातक


उचित खान पान बचा सकता है अस्थमा अटैक


रिपोर्टर पुरूषोत्तम चतुर्वेदी

वाराणसी। ब्रेथ ईजी टी.बी, चेस्ट, एलर्जी केयर सेंटर अस्सी वाराणसी द्वारा विश्व अस्थमा दिवस 7 मई 2024 के उपलक्ष में 6 मई 2024 को प्रेस की गई जिसमे डा पाठक ने बताया की 7 से 11 मई 2024 तक अस्थमा बचाव सप्ताह मनाया जा रहा हैं। इस कार्यक्रम में ब्रेथ ईजी चेस्ट सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल, अस्सी, वाराणसी में अस्थमा सम्बंधित बचाव/ सुझाव/ व नि:शुल्क परामर्श एवं जन जागरूकता अभियान,

अस्थमा वर्क वर्क शॉप का आयोजन किया जा रहा है , इस कड़ी ७ मई प्रात: 9 से 12 बजे तक निः शुल्क कैम्प चलाया जायेगा I इस अवसर पर मरीजो को डॉ एस. के पाठक द्वारा स्वनिर्मित अस्थमा जागरूकता सी.डी भी वितरित की जायेगी, जिसको You Tube के माध्यम से भी देखा जा सकेगा , लिंक – https: //www. youtube. com/ @BreatheEasyHospital/videos इस कार्यक्रम में ब्रेथ ईजी के वरिष्ठ टी.बी, एलर्जी, श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ एस. के पाठक ने …बताया कि – “ग्लोबल इनिसिएटिव फॉर अस्थमा, हर साल वर्ल्ड अस्थमा डे की थीम तय करता है, ये एक ऐसी संस्था है जो वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और एक अन्य संस्था के कॉलेबोरेशन से तैयार हुई है I” डॉ. पाठक ने आगे बताया – “इस बार ग्लोबल इनिसिएटिव फॉर अस्थमा ने इस खास दिन की थीम को नाम दिया है – “Asthma Education Empowers” अर्थात “अस्थमा सम्बंधित शिक्षा सशक्त बनाती है” I GINA अस्थमा से पीड़ित लोगों को उनकी बीमारी का प्रबंधन करने के लिए उचित शिक्षा के साथ सशक्त बनाने और चिकित्सा सहायता कब लेनी है, इसकी पहचान करने की आवश्यकता पर जोर देती है। स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को अस्थमा से निरंतर टालने योग्य रुग्णता और मृत्यु दर और अस्थमा के प्रभावी प्रबंधन पर प्रकाशित साक्ष्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कहा जाता है, ताकि वे अपने रोगियों के लिए विश्वसनीय जानकारी और इष्टतम उपचार प्रदान करने में सक्षम हों। “डा एस के पाठक ने इस मौके पर एक ऑडियो वीडियो पेशेंट एजुकेशन चलचित्र को प्रस्तुत किया, ब्रेथ ईजी के ऑन लाइन प्लेटफार्म (ब्रेथ ईजी यूट्यूब चैनल) पर रिलीज किया जिसको कोई भी मरीज अथवा अभिभावक कही से कभी भी देख सकेगा एवं सुन सकेगा जिसमे कई सारी अस्थमा के बारे जानकारी दे गई है , भ्रांतियों को दूर किया गया है आगे डॉ. पाठक ने आगे बताया – “विश्व अस्थमा दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य, विश्व भर के लोगों को अस्थमा बीमारी के बारे में जागरूक कराना है । अस्थमा के लक्षण व्यक्ति विशेष के अनुसार बदल सकते हैं। वैसे सामान्य रूप से अस्थमा के निम्न लक्षण दिखाई देते हैं: छाती में जकडऩ, रात में और सुबह कफ की शिकायत होना, श्वास नली में हवा का प्रवाह निर्बाध रूप से न होना, सांस लेने में कठिनाई या सांस उखडऩा, सांस लेते हुए घरघर की आवाज करना, खांसी, प्रारंभ में ये लक्षण मौसम में बदलाव या अत्यूधिक गर्मी या अत्यधिक सर्दी में दिखाई देते हैं लेकिन अगर इनका ठीक प्रकार से उपचार न कराया जाये तो यह अधिक गंभीर हो जाते हैं और पूरे वर्ष दिखाई देते हैं।“
डॉ पाठक ने आगे बताया कि “अस्थमा में मुख्यत: श्वांस नलियों में सूजन हो जाता हैं, जिसके कारण बाद में उन नालियों में सिकुडन भी हो जाता हैं, जो साधारण दवाइयों से नही ठीक हो पता हैं I इसके लिए एक विशेष प्रकार की थेरेपी का इस्तमाल किया जाता हैं, जिसे इन्हेलेशन थेरेपी कहतें हैं I अस्थमा की बीमारी फेफड़ो से सम्बंधित हैं, इसलिए इसमें इन्हेलेशन थेरेपी का ही उपयोग होना चाहिए जोकि सीधे फेफड़ो में जाकर अपना काम करती हैं, जिससे अस्थमा के मरीज को 2-3 मिनट में ही आराम मिल जाता हैं I” डॉ पाठक ने आगे बताया – “दमा के मरीज को डाइट और लाइफस्टाइल का बहुत ख्याल रखना पड़ता है, जरा सी लापरवाही से मरीज की जान मुश्किल में आ जाती है I आजकल बहुत कम उम्र में बच्चे भी अस्थमा से प्रभावित हो रहे हैं I बढ़ता प्रदूषण और कमजोर इम्यूनिटी इसकी वजह बन रहे हैं, हालांकि अपने स्वास्थ्य के हिसाब से भोजन लिया जाए तो इसे काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है I” डॉ पाठक आगे बताते हैं कि – “जिन लोगों को अस्थमा की समस्या है, उन्हें अपनी डाइट में ब्रोकली, जामुन, केला, पत्तेदार साग, खरबूजे, और एवोकाडो को जरूर शामिल करना चाहिए। ये फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार कर सकते हैं। अस्थमा के मरीजों के लिए मैग्नीशियम काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। यह फेफड़ों को स्वस्थ रखने में काफी मददगार है। डॉ पाठक ने ये भी बताया कि अस्थमा मरीजों को चावल, फ्राई चीजें, ठंडी चीजों और दही नहीं खाना चाहिए। डॉ पाठक ने अंत में बताया ये पूरा सप्ताह अस्थमा वीक डे रहेगा जिसमे ७ मई को घाटों पर ब्रेथ ईजी टीम फेफड़ो की जाँच निशुल्क करेगी, तथा ८, 9 एवं १० मई को ब्रेथ ईजी द्वारा मोबाइल कैंप का आयोजन भी की किया जायेगा जिसमे ब्रेथ ईजी वैन वाराणसी के प्रमुख चौराहों पर जा कर लोगो की फेफड़ों कि जाँच करेगी। ११ मई को जनरल प्रैक्टिसनर के लिए एक अस्थमा पर एक कार्यशाला का अयाजोजन किया जाए जिसमे अस्थमा के बारे नई तकनीक द्वारा इलाज जानकारी दी जाएगी ।
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