धूमधाम के साथ मनाई गई चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान की जयंती

घोरावल -सोनभद्र,(रमेश कुशवाहा) कोतवाली घोरावल के खड़ेहरा औराही चट्टी पर स्थानीय लोगों द्वारा चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान व संविधान रचयिता बाबा डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती केक काटकर धूमधाम से मनाई गई। कार्यक्रम की शुरुआत ग्राम पंचायत औराही के प्रधान प्रतिनिधि रामदुलार सिंह व ग्राम पंचायत मुड़ीलाडिह के ग्राम प्रधान गोविंद मौर्य नें सम्राट अशोक व बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि

अर्पित किया। कार्यक्रम का आयोजन सत्येंद्र मौर्य द्वारा किया गया था। समाजसेवी सर्वजीत मौर्य ने लोगों को बताया कि सम्राट अशोक एक ऐसा योद्धा थे जिसके प्रजा हितकारी एवं प्रजा रक्षक होने के कारण उसे प्रजाप्रतिपालक के नाम से भी पुकारता था और जिसकी मानवतावादी नीतियों के कारण धर्मनायक भी कहा गया। वहीं ग्राम प्रधान गोविंद मौर्य ने

बताया कि भारतीय इतिहास में एक अकेला ऐसा महान सम्राट जिसने अखण्ड भारत पर शासन किया।जिसे संसार उसकी वीरता के कारण कम अपितु उसकी धर्म, अहिंसा, शांतिप्रियता और विश्व बंधुत्व कामना के कारण अधिक याद करता है। भारतीय संस्कृति की वसुधैव कुटुम्बकम की भावना का यदि सचमुच किसी ने प्रसार किया तो वह अशोक ही थे। इसी कड़ी में पंचायत मित्र बेचू मौर्य ने बताया कि यह सच है कि अशोक को वीरता,शौर्य,सिंहासन उत्तराधिकार में मिला था किंतु उसकी जो सबसे महान और विलक्षण उपलब्धि रही, वह उसका हृदय परिवर्तन ; जिसके फलस्वरूप उसने अखण्ड भारत को ही नहीं वरन संपूर्ण विश्व को जीता। सिकन्दर ने धरती जीती थी किन्तु अशोक ने दिलों को जीता,सिकंदर ने लोगों पर शासन किया किंतु अशोक ने लोगों के दिलों पर। सिकन्दर ने आतंक और हिंसा से शासन किया किन्तु अशोक ने प्रेम और अहिंसा से। ऐसे अखंड भारत के सबसे बड़े साम्राज्य के निर्माता प्रजाप्रतिपालक चक्रवर्ती देवानांप्रिय सम्राट अशोक प्रियदर्शी को उनकी 2329वीं जयंती अशोकाष्टमी पर उन्हें शत-शत नमन है। इस अवसर पर चंदा मौर्या, बलिराम मौर्य, लल्लन मौर्य एवं लवकुश गिरी के साथ क्षेत्र के तमाम लोग मौजूद थे।

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