वाराणसी से सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट
मंडलीय कार्यालय भवन के डिजाइन को काशी के संस्कृति के अनुरूप बनाए जाने का दिया सुझाव
लहरतारा मार्ग को इसी साल नवंबर तथा कचहरी-संदहा मार्ग को भी दिसम्बर तक पूरा कराये-दुर्गा शंकर मिश्रा वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वाराणसी में गतिमान विकास परियोजनाओं के प्रगति की विस्तार से समीक्षा की। उन्होंने कार्यदाई संस्थाओं के अभियंताओं को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपने कार्यों को युद्ध स्तर पर अभियान चलाकर निर्धारित समय सीमा में मानक के अनुरूप गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराएं। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव के निशाने पर विशेष कर लोक निर्माण विभाग रहा। उन्होंने विभागीय अभियंताओं को सड़क के निर्माण कार्य में गति लाये जाने पर विशेष जोर देते हुए कहा कि सड़क निर्माण कार्यों में काफी शिकायतें मिल रही है। उन्होंने बनने वाले मंडलीय कार्यालय भवन के डिजाइन को काशी के संस्कृति के अनुरूप फसाड की तरह बनाए जाने पर विशेष जोर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र रविवार को मंडलीय सभागार में शहर में हो रहे विभिन्न निर्माणाधीन परियोजनाओं के प्रगति की समीक्षा कर रहे थे। निर्माणाधीन रोपवे परियोजना की समीक्षा के दौरान कंपनी के परियोजना अधिकारी द्वारा परियोजना की फिजिकल प्रोग्रेस की जानकारी देते हुए निर्माणाधीन टावर के लोड व पाइल टेस्ट की जानकारी दी गयी तथा बताया गया कि अगले साल मार्च तक कैंट, विद्यापीठ तथा रथयात्रा के टावर स्टेशन को पूरा करा लिया जायेगा। परियोजना को मई, 2025 तक पूरा करने का पूरा प्लान है। बैठक में मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा ने लंबित परियोजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने समाज कल्याण, दिव्यांग जन विभाग की रामनगर में प्रस्तावित परियोजना तथा लोक निर्माण की सीर गेट स्थित सीसी रोड परियोजना के लंबित कार्यों की जानकारी दी गयी। जिस पर मुख्य सचिव ने निर्देशित करते हुए कहा कि किसी भी हाल में दिसम्बर तक ये परियोजनाये पूरी हो जानी चाहिए। पर्यटन विभाग के सीर गोवर्धन स्थित लंगर हाल, सारनाथ स्थित धमेख स्तूप, मुनारी रोड पर स्थित पार्किंग, सारंग नाथ मंदिर आदि के लंबित कार्यों के प्रगति की जानकारी दी गयी। मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को लहरतारा मार्ग को नवंबर, 2023 तथा कचहरी-संदहा मार्ग को भी दिसम्बर, 2023 तक पूरा करने का निर्देश दिया। मंडलायुक्त ने राजकीय निर्माण निगम के लंबित 6 प्रोजेक्ट्स सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोबरहाँ, केंद्रीय कारागार में निर्मित आवास परियोजना, पिंडरा में निर्माणाधीन आईटीआई आदि के बारे में भी बताया।
विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल द्वारा शहर में मास्टर प्लान 2031 के तहत प्रस्तावित नयी टाउन शिप की पूरी परियोजना की बारीकी से जानकारी देते हुए, उसमें प्रस्तावित बस स्टेशन, कार स्टेशन, गोडाउन, पुलिस स्टेशन, फायर स्टेशन, एसटीपी आदि के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी गयी। उन्होंने ट्रांसपोर्ट नगर की वर्तमान परियोजना की भी अवस्थिति से मुख्य सचिव को अवगत कराया। गौरतलब है कि प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर एनएच-19 तथा जीटी रोड के मुहाने पर स्थित है। मुख्य सचिव ने ट्रांसपोर्ट नगर परियोजना के तहत लॉजिस्टिक्स पार्क निर्माण करने का भी सुझाव दिया। उपाध्यक्ष द्वारा नई टाउन शिप नीति के तहत शहर में प्रस्तावित चार परियोजनाओं जो कि हरहुआ, सारनाथ, एयरपोर्ट स्थित काशी द्वार और वरुणा विहार के रूप में प्रस्तावित है के बारे में मुख्य सचिव के समक्ष जानकारी दी गयी। उन्होंने गोलगड्डा बस स्टेशन तथा सेंट्रल जेल की प्रस्तावित शिफ्टिंग और हरहुआ में प्रस्तावित नये बस अड्डा के बारे में भी बताया। उन्होंने मंडलीय कार्यालय के लिये प्रस्तावित मॉडल के बारे में भी मुख्य सचिव को बताया, जिसमें की मंडल के 58 कार्यालयों को लिया गया है जो कि जी+10 के रूप में प्रस्तावित है। मुख्य सचिव ने बनारस को मंदिरों का शहर बताते हुए प्रस्तावित मंडलीय कार्यालय में माँ गंगा, बाबा विश्वनाथ को फसाड लाइट के माध्यम से उकेरने को कहा तथा प्रस्तावित मॉडल में बदलाव का सुझाव दिया। उन्होंने बनने वाले कार्यालय को 150 साल के टार्गेट पर बनाने को कहा। मुख्य सचिव ने फेस पहचान प्रणाली के साथ विकसित करने को कहा।
नगर आयुक्त शिपू गिरी द्वारा समीक्षा बैठक में मुख्य सचिव के समक्ष बताया गया कि वर्तमान में नगर निगम के 100 वार्ड हैं जो 8 जोन में बटे हुए हैं जो कि पूर्व में 90 वार्ड तक सीमित था। उन्होंने मुख्य सचिव के समक्ष अपशिष्ट प्रबंधन एवं निपटान तथा डोर टू डोर कूड़ा उठान की भी जानकारी दी। मुख्य सचिव ने शहर में डोर टू डोर कूड़ा उठान के दौरान गीला व सूखा कचरे को अलग-अलग करने को जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया। उन्होंने वेस्ट टू एनर्जी, वेस्ट टू कंपोस्ट प्लांट तथा बायो मेडिकल प्लांट की वर्तमान क्षमता की भी जानकारी दी गयी। उन्होंने प्लास्टिक के विरुद्ध चलाये गये प्रभावी कार्यवाही अभियान तथा वसूले गये जुर्माना को भी बताया गया। उन्होंने नगर निगम द्वारा जारी होने वाले 100 करोड़ के बॉन्ड हेतु प्रस्तावित मॉडल तथा सदन हेतु प्रस्तावित भवन को भी मुख्य सचिव के समक्ष रखा। उन्होंने यूनिफाइड बिलिंग व्यवस्था, करदाताओं की सुविधा हेतु कैंप का आयोजन, सेफ सिटी तथा गृहकर में जीआईएस के माध्यम से हुई वृद्धि को भी बताया गया। उन्होंने वर्तमान में नगर निगम द्वारा की जा रही घाटों की सफाई के बारे में भी बताया। स्मार्ट सिटी द्वारा बताया गया कि इंडियन ऑयल तथा इंजीनियर इंडिया लिमिटेड द्वारा सीएसआर फंड के तहत नमो घाट पुनर्विकास परियोजना का निर्माण किया जा रहा है।
जल निगम एवं जलकल विभाग की समीक्षा के दौरान सीवर तथा पेयजलापूर्ति की जानकारी दी गयी तथा बताया गया कि कुल 348 एमएलडी पानी की आपूर्ति 2 लाख घरों को की जा रही है। उन्होंने बताया कि रामनगर और सुजाबाद को शहर में शामिल कर लिया गया है जिससे कि कुल सीवर क्षमता 38% है। मुख्य सचिव ने नगर निगम में जोड़े गये नये क्षेत्रों को एचएफएल के हिसाब से विकसित करने का निर्देश दिया। उन्होंने बताया कि कुल 400 एमएलडी की सीवरेज क्षमता विकसित है जिसमें 320 एमएलडी क्षमता का प्रयोग किया जा रहा है। मुख्य सचिव ने काशी विश्वनाथ मंदिर के पास बने सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट में हैंड ओवर लेने में आ रही दिक्कतों के लिए जलनिगम के इंजीनियर को दिसम्बर तक का समय देते हुए परियोजना को अपने हिसाब से तैयार कराने को कहा। मुख्य सचिव ने अमृत 2.0 के तहत दिये जा रहे कनेक्शन में तेजी लाने हेतु निर्देशित किया।
बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम, निदेशक स्वच्छ भारत मिशन नितिन बंसल, जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, विभिन्न विभाग के अधिकारियों समेत पुलिस विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।