घोरावल-सोनभद्र(रमेश कुशवाहा)। जनपद सोनभद्र के घोरावल तहसील अंतर्गत स्थित गुप्त काशी उमा महेश्वर मंदिर शिवद्वार पर दिनांक 24 अगस्त से प्रारंभ “शिव महापुराण व ज्ञान यज्ञ” के क्रम में प्रतिदिन यजमान द्वारा रुद्राभिषेक संपन्न कराया जा रहा है। इसी क्रम में शुक्रवार को बैकुंठ नाथ शुक्ल द्वारा संकल्प लेते हुए सपत्नीक रुद्राभिषेक की पूजा किया गया। जो दिन के दोपहर तक संपन्न हुआ। पुनः 2:30 बजे से शिव महा पुराण ज्ञान की कथा परम पूज्य व्यास संतोष शरण दास महाराज श्रीधाम अयोध्या को व्यास पीठ पर प्रतिष्ठित करते हुए मंगलाचरण के साथ पूजन किया गया। उस समय
सुरेश गिरी प्रधान सेवक उमा महेश्वर मंदिर, उदय प्रताप सिंह यज्ञ समिति कोषाध्यक्ष, राज बहादुर सिंह, बैकुंठ नाथ शुक्ल, सोनमती शुक्ला, देवचरण सिंह यादव व रामेश्वर नारायण झा द्वारा पूजन कार्य किया गया। पुनः कथा व्यास जी द्वारा मंगलाचरण के साथ प्रारंभ करते हुए दृष्टांत के रूप में “बिन्दुक व चंचला” की कथा जिसमें चंचला के आनाचारी, व्यभिचारी, दुराचारी चरित्र का व पापिनी होने पर भी शिव पुराण की कथा सुनने पर भगवान आशुतोष की कृपा से शिवलोक की प्राप्ति हुई किंतु बिन्दुक जो सारा जीवन व्यभिचार, दुराचार जैसे पाप कर्मो मे लगाये रखने व ईश्वर की भक्ति न करने के कारण नरक गामी होना पड़ा एवं बहुत प्रकार की यातनाएं सहनी पड़ी। चंचला शिवलोक में जाने पर माता पार्वती की प्रमुख सहेलियों में से एक हुई, जो मां शक्ति के साथ रहते हुये अपने मृत पति बिन्दुक के बारे में जानकारी लेने हेतु प्रार्थना की । तब माँ पार्वती ध्यान लगाने के बाद चन्चला को बताईं कि बिन्दुक अपने पाप कर्मो के कारण नरक गामी होकर यातनाए सह रहा है। जिस पर चन्चला द्वारा बिन्दुक के उद्धार हेतु पूछने पर माँ पार्वती द्वारा शिव महापुराण की कथा के महात्म्य को बताया गया। चन्चला द्वारा इस प्रकार शिव कृपा से अपने पति का उद्धार कराई। पुनः शिव महात्म पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि कोई चाहे जितना बड़ा अधर्मी पापी क्यों ना हो यदि एक बार भी शिव पुराण की कथा का रसपान पूर्ण श्रद्धा व विश्वास के साथ करें, तो भगवान शिव उस पर कृपा कर उसे अपने लोक में स्थान देकर उसका जीवन धन्य कर देते हैं। इसी क्रम में शनिवार को सुबह यजमान रामेश्वर नारायण झा द्वारा संकल्प लेकर रुद्राभिषेक उमा महेश्वर के मंदिर में किया गया। जो दोपहर तक रुद्राभिषेक का कार्य संपन्न हुआ। सभी भक्तजनों से अनुरोध है कि कृपया भक्तजन इस शिव महापुराण की कथा जो गंगा की धारा जैसी पावन पवित्र सभी दुखों को दूर करने वाली है, आकर प्रतिभाग कर एवं श्रवण कर अपना जीवन धन्य करें। रुद्राभिषेक पूजन संपन्न करने के लिए यज्ञ समिति की ओर से विद्वान पंडित कौस्तुभ मणि मिश्रा व दयानंद मिश्रा नामित किए गए हैं जिनके द्वारा वेद मंत्रों के साथ रुद्राभिषेक कार्यक्रम संपन्न कराया गया।