साहित्य और शिक्षा के प्रति अनुराग रखने वाले सरोज सिंह अब नहीं रहे, शोक

उनके असामयिक निधन पर सोनांचल के साहित्यकार हुए शोकाकुल

सोनभद्र। जनपद के राबर्टसगंज स्थित ब्रह्मनगर निवासी शिक्षक, कवि एवं समाजसेव़ी सरोज कुमार सिंह अब हमारे बीच नहीं रहे। लंबे समय से जीवन एवं मौत से युद्ध कर रहे हंसमुख एवं मृदुभाषी स्वभाव के धनी कवि, शिक्षक एवं प्रखर समाजसेवी सरोज सिंह मंगलवार को सुबह अपना भरा पूरा परिवार छोड़ कर सदा सदा के लिए अमरत्व को प्राप्त कर गए। जनपद की साहित्यिक संस्था सोन साहित्य संगम के सम्मानित सदस्य हम सबके साथी अत्यंत सरल,

सहज हृदय, मिलनसार, हँसमुख व शानदार काब्य पाठ करने वाले गीतकार सरोज कुमार सिंह की असामयिक मृत्यु से सोनांचल के साहित्यकार शिक्षक और उनके चाहने वाले शोकाकुल हो उठे। उनके देहावसान की सूचना मिलते ही प्रख्यात समाजवादी चिंतक एवं साहित्यकार अजय शेखर, उपन्यासकार रामनाथ शिवेंद्र, अखिल भारतीय कवि सम्मेलनों की प्रख्यात गीतकार डॉक्टर रचना तिवारी, जगदीश पंथी, अमरनाथ अजेय, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, सोन साहित्य संगम के संयोजक राकेश शरण मिश्र, दिवाकर द्विवेदी मेघ विजयगढ़ी, दिलीप सिंह दीपक, प्रभात सिंह चंदेल, विंध्य शोध समिति के निदेशक दीपक केसरवानी, सदर विधायक भूपेश चौबे, संत कीनाराम पीजी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉक्टर गोपाल सिंह, कांग्रेस नेता आशुतोष कुमार दुबे समेत दर्जनों शिक्षक और गणमान्य नागरिक उनके अंतिम दर्शन हेतु उनके आवास पर पहुंच अपनी गहरी संवेदना व्यक्त किया। उनके निधन पर जनपद के वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार मिथिलेश प्रसाद द्विवेदी ने अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहां की कवि सरोज सिंह एक नेक दिल साहित्यकार एवं शिक्षा विद थे जिनकी कमी साहित्य और शिक्षा के प्रति अनुराग रखने वाले उन तमाम लोगों को खलेगी जिन्होंने उनकी साहित्यिक सर्जना को अपने अंक में उतारने का काम किया। श्री द्विवेदी ने यह भी कहा कि सोनभद्र में साहित्य के क्षेत्र में उनकी कमी सदैव खलेगी। सोनभद्र मिडिया फोरम आफ इण्डिया (न्यास) जिला अध्यक्ष सर्वेश श्रीवास्तव ने भी उनके निधन पर अपनी गहरी शोक संवेदना व्यक्त की।

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