बिजलीकर्मियों की हड़ताल का व्यापक असर : उत्पादन निगम की अनपरा तापीय परियोजना की 1630 मेगावाट क्षमता की 05 इकाईयां ठप

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, अनपरा

हड़ताल 72 घंटे से बढ़कर अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी।

ओबरा तापीय परियोजना का उत्पादन शून्य

सोनभद्र।बिजलीकर्मियों की हड़ताल का व्यापक असर : उत्पादन निगम की 1530 मेगावाट क्षमता की अनपरा तापीय परियोजना की  5 इकाईयां ठप हो गयी है। ऊर्जा मंत्री द्वारा बिजलीकर्मियों पर लगाये गये तोड़-फोड़ के आरोप का संघर्ष समिति ने किया कड़ा प्रतिवाद ।अनपरा में सामूहिक रूप से जेल भरने के लिए क्लब में इकट्ठा हुए लगभग 2000 बिजलीकर्मी।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर 16 मार्च की रात से शुरू हुई हड़ताल का प्रदेश की बिजली व्यवस्था पर व्यापक असर पड़ा है। उत्पादन गृहों की 05 इकाईयाँ ठप हो गयी हैं। ऊर्जामंत्री और चेयरमैन अपने विफलता के लिए बिजलीकर्मियों को जिम्मेदार ठहराने के बजाय अपनी हठधर्मिता को छोड़कर 3 दिसंबर 2022 को हुए लिखित समझौते को लागू करें और आंदोलन का सार्थक समाधान के लिए आगे आएं । बिजलीकर्मी ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते के सम्मान के लिए लड़ रहे हैं। संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री के द्वारा लगाये गये बिजली के व्यवधान के आरोपों और एस्मा लगाने की धमकी देने की आलोचना की है और साथ ही चेताया है कि पूरे प्रदेश के सभी बिजली कर्मी अपनी मांगों को लेकर संकल्पित है और शांतिपूर्ण तरीके से अपना आंदोलन कर रहे है तथा इसके प्रतिकार स्वरूप अनपरा के मुख्य अभियंता स्तर से लेकर सभी संवर्ग के सभी बिजलीकर्मी ऑफिसर्स क्लब में इकट्ठा हो कर गिरफ्तारी के लिए तैयार खड़े है। इसके साथ ही ऊर्जामंत्री जी हाइकोर्ट को और मुख्यमंत्री जी को गुमराह करना बंद करें। अगर वास्तव में माननीय हाइकोर्ट का अगर किसी ने अवमानना की है तो वो खुद ऊर्जामंत्री और चेयरमैन है जिन्होंने ने माननीय हाइकोर्ट के समक्ष समझौते की प्रति शपथ पत्र के माध्यम से कोर्ट में जमा कराया है। अगर संघर्ष समिति के केंद्रीय नेताओं की अथवा प्रदेश में कही भी किसी की भी गिरफ्तारी की जाती है तो इसका जोरदार प्रतिकार होगा और प्रदेश की जेलों में जगह नही बचेगी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि 16 मार्च की रात 10 बजे हड़ताल शुरू होने के बाद उत्पादन गृहों, एसएलडीसी और पारेषण विद्युत उपकेन्द्रों की रात्रि पाली में कार्य करने हेतु एक भी बिजलीकर्मी ड्यूटी पर नहीं गया। हड़ताल शत-प्रतिशत है।

अनपरा में अताप की 210-210 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयाँ, ब ताप की 500 मेगा वाट की एक इकाई बंद करनी पड़ी है। इसके अतिरिक्त अनपरा में 210 मेगवाट की एक इकाई तथा 500 मेगा वाट की एक इकाई जो पहले से बंद थी उन्हें बिजली कर्मचारियों के अभाव में हड़ताल के दौरान नहीं चलाया जा सका। इस प्रकार उत्पादन निगम में कुल 1630 मेगा वाट का उत्पादन प्रभावित हुआ है। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि बिजली घरों में काम करने के लिए एक भी बिजलीकर्मी ड्यूटी पर नहीं गया है और हड़ताल शत-प्रतिशत है।

अब हड़ताल 72 घंटे से बढ़कर अनिश्चितकालीन हड़ताल में बदल जाएगी। जिससे उत्पन्न होने वाली किसी भी परिस्थिति का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व शीर्ष ऊर्जा प्रबन्धन का होगा।
  सभा में अभिषेक बरनवाल, अदालत वर्मा, एसपी यादव, उत्पल शंकर, ऋषि कांत त्रिपाठी, राजकुमार, रविकांत यादव, अनूप वर्मा, आशुतोष त्रिवेदी, सचिनराज, सत्यम यादव,मनोज सिंह,अभिषेक,आरएन तिवारी,शारदा प्रसाद, रामकिशुन,विवेक सिंह,श्याम बिहारी सिंह,राजीव यादव, शैलेंद्र सिंह,जितेंद्र खरवार, विशाल, कालिका प्रसाद,दिनेश द्विवेदी, राजकुमार सिंह,सुमन झा,देवेंद्र कुमार,पंकज कुमार, आर पी मल्ल,  मृदुरंजन श्रीवास्तव, शैलेश यादव, दिनेश द्विवेदी, अभिषेक त्रिपाठी,सचिन कन्नौजिया, ज्ञानेंद्र पटेल, आवेश यादव, विजय चौरसिया, अरविंद मेहता,  समून अहमद,रवि गुप्ता, अयाज अहमद, पवन सिंह,  श्रवण यादव, अंकित गुप्ता समेत हजारों की संख्या में अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।

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