स्वास्थ्य डेस्क । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से सफ़ेद दाग LEUCODERMA ( फुलबहरी )

सफ़ेद दाग LEUCODERMA ( फुलबहरी )
आधुनिक विज्ञान ने जहाँ आज हर जगह पर विजय पायी हैं वही कुछ जगह पर ये असहाय सी नज़र आती हैं ऐसी ही एक बीमारी हैं सफ़ेद दाग ।
सफ़ेद दाग ( फुलबहरी ) रोग ऐसा है कि जिसको एक बार हो जाए तो वो व्यक्ति ही भावना से ग्रसित हो जाता है और इलाज के नाम से बहुत ठगा जाता है। लोग बढ़ चढ़ कर सही करने का दावा करके लोगो को ठगते हुए नज़र आते हैं।
इसका उपचार कुछ सालो पहले आयुर्वेद में बहुत आसान था जब कुछ भस्मो से इसका उपचार योग्य वैध कर दिया करते थे, आज कल भस्मो का सही मिश्रण सही अनुपात न पता होने के कारण ये कला लुप्त होती जा रही है।
आज कल आयुर्वेद में जो उपचार हैं वह थोड़े लम्बे है इसलिए मरीज को धैर्यपूर्वक इसको लगातार जारी रखना पड़ता है।
घरेलू उपचार ( अपने निजी डॉ. या वैद्य से सलाह करके ही ले । )
हम यहाँ आपको कुछ विशेष उपचार बता रहे हैं जो बहुत से रोगियों पर सफलता से प्रयोग किया गया है।
बावर्चि का तेल और नीम का तेल सामान मात्रा में मिला कर रोग वाली जगह दिन में दो बार लगाना चाहिए और इसके साथ बावर्चि का चूर्ण तुलसी के पत्तो को सुखा कर बनाया गया चूर्ण और चोपचीनी का चूर्ण सामान मात्रा में मिला कर हर रोज़ 3 ग्राम सुबह शाम पानी के साथ ले और ये चूर्ण लेने के 2 घंटे पहले और बाद में कुछ ना खाए। और साथ में रात को सोते समय एक चम्मच त्रिफला गुनगुने पाने के साथ ले।-
सफ़ेद कुष्ट ( फुलबहरी ) बहुत ही कारगर आषधियां है । स्वानुभूत
शुद्ध बाकुची चुर्ण + आमलकी रसायन + भृंगराज चुर्ण + ताम्र भस्म + शुद्ध गंधक रसायन + प्रवाल पिष्टि + रौप्य भस्म + स्वर्णमाक्षिक भस्म + स्वर्ण भस्म एक ख़ास अनुपात में डाल कर तैयार करते है । इस योग से बहुत से मरीज़ ठीक हो चुके है ।
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