दक्षिण भारत के मसालों का स्वाद चख रहे काशीवासी

सुरभी चतुर्वेदी

वाराणसी, से सुरभी चतुर्वेदी की रिपोर्ट
प्रेस विज्ञप्ति

वाराणसी। काशी तमिल संगमम् में लगें प्रदर्शनी में खान पान का भी विशेष रूझान आने वाले पर्यटकों को आकर्षित कर रहा हैं । बीएचयू के एम्फीथियेटर में लगे स्टाल पर तमिलनाडु का सहजन के पत्ते का सूखे बैंगन , सूखी भिंडी का तड़का लोगों को लुभा रहा हैं।

काशी अपने खानपान के लिए भी काफी मशहूर है लेकिन दक्षिण के इन विशेष प्रकार के मसालों और वहां के खानपान की विशेष पद्धति काशी वासियों को मुरीद कर दे रही है। इस स्टाल पर “रेडी टू ईट रेडी टू कूक” काफी मशहूर है

काशी तमिल संगमम् में ओडीओपी के अंतर्गत प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत एक जिला एक उत्पाद का स्टाल लगाया गया है। जो लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहा है। अंकित कुमार गुप्ता ने बताया कि यह दुकान खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय के तरफ से आया हूं। तमिलनाडु के 38 जिलों के 19 प्रसिद्ध उत्पादों के स्टाल लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि तमिलनाडु से जो प्रसिद्ध सब्जियां हैं, उसमें सूखे बैंगन, सूखी भिंडी तथा तड़का के लिए स्पेशल सहजन की पत्ती है। इसमें रेडी टू ईट रेडी टू कुक वहां पर काफी प्रसिद्ध है।

उन्होंने कहा जिस तरह उत्तर भारत में तेजपत्ता और कसूरी मेथी का प्रयोग तड़के के लिए किया जाता है, उसी तरह तमिलनाडु में सहजन के पत्ते का प्रयोग तड़के के लिए होता है। इसका अलग स्वाद लोगों को मिलेगा। इसका इस्तेमाल सब्जियों और आटा में कर सकते हैं। हमारे यहां वेस्ट समझकर फेंके जाने वाले सूखे बैगन, भिंडी और करेला का इस्तेमाल भी खाद्य सामग्री बनाने में किया जाता है।

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