ओम प्रकाश रावत
विंढमगंज~सोनभद्र। गाड़ी सं0 11448 शक्तिपुंज एक्सप्रेस में घटना 3 -11- 2022 की रात्रि विंढमगंज से रेणुकुट जा रही एक महिला, एक 6 वर्ष की बच्ची, एक लड़का को टीटीई पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाते हुए ट्रेन से उतार देने का आरोप लगाते हुए महिला ने लगाया। महिला ने कहा कि टीटीई ने जुर्माने के तौर पर पैसा की मांग की और कहाँ की नहीं है, तो तुरंत उतरो हम तीनो को डांटकर महुअरीया स्टेशन जहाँ ट्रेन नहीं रूकती 2.45 रात को ही उतरने को मजबूर कर दिया हमारे साथ और लोग भी थे जो विंढमगंज स्टेशन में ही छुटे हुए
थे , हम सभी ने सात टिकट लिया था शक्तिपुंज एक्स्प्रेस का जनरल बोगी का दरवाजा नहीं खुला अंदर से बंद था शोर भी बहुत की लेकिन किसी ने नहीं सुना। विवश होकर स्लिपर बोगी में जल्दी बाजी में तीन ही लोग चढ पाए तब तक ट्रेन खुल गई, और चार लोग विंढमगंज में ही छुट गये! अभी ट्रेन चल ही रही थी की टीटीई साहब आ गये और टिकट मांगने लगे। जनरल डिब्बे का टिकट था मै अपनी मजबुरी बताई गिड़गिड़ाई किंतु
टीटीई साहब कुछ सुनने को तैयार नहीं थे आखिरकार हमें महुअरीया स्टेशन में ही उतार दिया, जहाँ सिर्फ अंधेरा था कुछ भी सुविधा भी नहीं थी फिर हमने अपने रिश्तेदार को मोबाईल से सुचना कि तो वो आए तब जान में जान आई। आखिर एक महिला और बच्चों पे रहम क्यो नही आई क्या मैने इतना बड़ा जुर्म कर दी जो टीटीई साहब ने रात में ही उतार दिया अगर मेरे साथ अनहोनी घटना होती तो कौन जिम्मेदार रहता। फिर मैं
विंढमगंज पहुंचीं और अपने रिश्तेदार के माध्यम से रेलवे की शिकायत पुस्तिका मांगी तो स्टेशन मास्टर ने कहा की पेंसिंल से ही लिखे रेलवे का नियम है, मैने कहा पेंसिंल से लिखा आसानी से मीट सकता है तब जाकर लिखने दिया। मै अपनी कहानी इसलिए बता रही हूँ कि जो मेरे साथ हुआ है भविष्य अन्य के साथ न हो मै रेलवे के अधिकारियों को ध्यान आकर्षित करना चाहती हूं कि लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ जांच कर सख्त से सख्त कार्यवाही करें!