भगवान बुद्ध के उपदेशों को अपनाकर ही विश्व में फैले अराजकता से मुक्ति पाया जा सकता है-राज्यपाल आनंदीबेन पटेल

वाराणसी से पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

दुनिया को भगवान बुद्ध के उपदेशों पर चलने की बहुत जरूरत है-राज्यपाल, उत्तर प्रदेश

भगवान बुद्ध का सैंकड़ों वर्ष पूर्व दिए गए उपदेश आज भी समाज की प्रगति के लिए सार्थक है- आनंदीबेन पटेल वाराणसी। आषाढ़ पूर्णिमा धर्म चक्र प्रवर्तन दिवस पर महात्मा बुद्ध के उपदेश स्थली सारनाथ में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बौद्ध धर्मावलंबियों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान बुद्ध समरसता के समर्थक, सामाजिक समानता पर जोर देने वाले और अंधविश्वास से दूर रहने का संदेश देते हैं। उनका संदेश बुद्धि और विवेक की शरण में जाने का है। भगवान बुद्ध निरंतर बुद्धि को शुद्ध करने का भी संदेश देते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध के उपदेशों को अपनाकर ही विश्व में फैले अराजकता से मुक्ति पाया जा सकता है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि दुनिया को भगवान बुद्ध के उपदेशों पर चलने की बहुत जरूरत है। उनके द्वारा सैंकड़ों वर्ष पूर्व दिए गए उपदेश आज भी समाज की प्रगति के लिए सार्थक है। उन्होंने कहा कि साधना के स्थल पर आकर खुशी की अनुभूति हो रही है। हमारा देश सौभाग्यशाली है कि भारतवर्ष में भगवान बुध का अवतरण हुआ। भगवान बुद्ध का उपदेश मनुष्य को नैतिक जीवन जीने की प्रेरणा देती है। बौद्ध धर्म भारत की सीमाओं को पार कर श्रीलंका, जापान, कंबोडिया, जावा, सुमित्रा आदि विभिन्न देशों में फैल गया। बौद्ध दर्शन में अष्टांगिक मार्ग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि सम्यक दृष्टि, सम्यक संकल्प, सम्यक वाक, सम्यक कर्म, सम्यक जीविका, सम्यक व्यायाम, सम्यक स्मृति व सम्यक समाधि को अनुपालन कर मानव जीवन को सार्थक करने का सार बताया। गौतम बुद्ध ने सामाजिक समानता पर विशेष जोर दिया। आज बौद्ध धर्म दुनिया का सबसे बड़ा चौथा धर्म है। भगवान बुद्ध कहते थे कि यदि बुद्धि को शुद्ध नहीं किया गया तो परिणाम बहुत भयावह होगा। उनकी शिक्षा नैतिक समाज को जीवन जीने की कला देती है। केद्र सरकार बौद्ध सर्किट पर कार्य कर रही है। जिसके अंतर्गत सारनाथ के साथ ही श्रावस्ती, कुशीनगर व कपिलवस्तु का पर्यटन विकास किया जा रहा है। इसका उद्देश्य बौद्ध पर्यटक स्थलों का विकास करना है। बौद्ध पर्यटन स्थलों में सारनाथ का विशेष महत्व है। सारनाथ में सर्वाधिक बहुत पर्यटक आते हैं। आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं तो बुद्ध के बताए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलकर ही समाज को ऐसा के रास्ते पर चलकर समाज को समृद्ध बना सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मानना है कि भगवान बुद्ध मानवता के सामूहिक बोध का अवतरण है। इस अवसर पर केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अंग वस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर राज्यपाल का स्वागत किया। कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संदेश का भी रिकॉर्डेड प्रसारण किया गया। इससे पूर्व राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सारनाथ धमेख स्तूप पर पुष्प गुच्छ अर्पित कर स्तूप का परिक्रमा किया। तत्पश्चात उन्होंने मूलगंध कुटी स्थित बौद्ध मंदिर में बुद्ध की शरण में शीश नवायी।

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