धर्म डेक्स । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से वैदिक ज्योतिष में भावानुसार उच्च का सूर्यवैदिक ज्योतिष में भावानुसार उच्च का सूर्य

धर्म डेक्स । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से वैदिक ज्योतिष में भावानुसार उच्च का सूर्यवैदिक ज्योतिष में भावानुसार उच्च का सूर्य

वैदिक ज्योतिष में भावानुसार उच्च का सूर्य

वैदिक ज्योतिष के अनुसार मेष राशि में स्थित होने पर सूर्य को उच्च का सूर्य कहा जाता है जिसका साधारण शब्दों में अर्थ यह होता है कि मेष राशि में स्थित होने पर सूर्य अन्य सभी राशियों की तुलना में सबसे बलवान हो जाते हैं। कुछ वैदिक ज्योतिषी यह मानते हैं कि कुंडली में उच्च का सूर्य सदा शुभ फलदायी होता है जो सत्य नहीं है क्योंकि कुंडली में सूर्य का उच्च होना केवल उसके बल को दर्शाता है तथा उसके शुभ या अशुभ स्वभाव को नहीं जिसके चलते किसी कुंडली में उच्च का सूर्य शुभ अथवा अशुभ दोनों प्रकार के फल ही प्रदान कर सकता है जिसका निर्णय उस कुंडली में सूर्य के शुभ अशुभ स्वभाव को देखकर ही लिया जा सकता है। आज के इस लेख में हम कुंडली के विभिन्न 12 घरों में स्थित होने पर उच्च के सूर्य द्वारा प्रदान किये जाने वाले कुछ संभावित शुभ तथा अशुभ फलों के बारे में विचार करेंगे।

कुंडली के पहले घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के पहले घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने पर जातक को अच्छा स्वास्थ्य प्रदान कर सकता है तथा ऐसा शुभ उच्च का सूर्य जातक को कलात्मक तथा रचनात्मक क्षमता भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते इसके प्रभाव में आने वाले जातक अपने जीवन में इस कलात्मकता तथा रचनात्मकता के आधार पर उन्नति कर सकते हैं। कुंडली के पहले घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को नेतृत्व करने की क्षमता, बुद्धिमता, उचित समय पर उचित निर्णय लेने की क्षमता, साहस तथा पराक्रम आदि जैसे गुण भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे जातक उच्च सरकारी सेवाओं में सफल हो सकते हैं। कुंडली के पहले घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को बहुत अच्छे तथा भाग्यशाली पुत्र भी प्रदान कर सकता है जो जातक के लिए बहुत लाभदायक तथा सहायक सिद्ध होते हैं। वहीं दूसरी ओर किसी कुंडली के पहले घर में स्थित उच्च के सूर्य के अशुभ होने पर ऐसा सूर्य जातक के वैवाहिक जीवन में बाधाएं तथा चिंताएं पैदा कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के प्रभाव में आने वाले जातकों का वैवाहिक जीवन चिंतामय अथवा कष्टप्रद हो सकता है। कुंडली के पहले घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक को संतान पैदा करने से संबंधित समस्याएं भी दे सकता है विशेषतया जब यह स्थिति किसी स्त्री जातक की कुंडली में बनती हो। इसके अतिरिक्त कुंडली के पहले घर में स्थित अशुभ उच्च का सूर्य जातक को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं से भी पीड़ित कर सकता है।

कुंडली के दूसरे घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने पर जातक को बहुत अच्छा स्वास्थय प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे जातक सामान्यतया जीवन भर किसी भी गंभीर रोग से पीड़ित नहीं होते। कुंडली के दूसरे घर में स्थित शुभ उच्च के सूर्य का प्रभाव जातक को सफल चिकित्सक, वकील, ज्योतिषी तथा सरकारी अधिकारी भी बना सकता है तथा ऐसे जातक अपने व्यवसाय से प्रसिद्धि तथा धन प्राप्त करते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च के सूर्य के प्रभाव में आने वाले वकील अधिकतर आपराधिक केसों के लिए ही प्रसिद्ध होते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के दूसरे घर में स्थित उच्च के सूर्य के अशुभ होने की स्थिति में जातक के विवाह तथा वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं पैदा हो सकतीं हैं जिसके चलते इनमें से कुछ जातकों का विवाह देर से हो सकता है तथा कुछ जातकों का विवाह टूट भी सकता है। कुंडली के दूसरे घर में स्थित अशुभ उच्च का सूर्य जातक को आर्थिक समस्याओं से भी पीड़ित कर सकता है जिसके चलते ऐसे कुछ जातकों को अपने जीवन में समय समय पर धन की कमी का सामना करना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों को तो किसी गंभीर आर्थिक संकट का सामना भी करना पड़ सकता है। कुंडली के दूसरे घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं अथवा रोगों से भी पीड़ित कर सकता है जो सामान्यतया जातक की खाने पीने से संबंधित बुरी आदतों के कारण जन्म लेते हैं तथा कुछ स्थितियों में इनमें से कोई रोग घातक भी सिद्ध हो सकता है।

कुंडली के तीसरे घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के तीसरे घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को अच्छे भाई, अच्छे मित्र, समाज में अच्छा प्रभाव, प्रभुता, साहस आदि प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले जातक विभिन्न व्यवसायिक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। कुंडली के तीसरे घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को विवाह तथा वैवाहिक जीवन से संबंधित शुभ फल भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे जातक सुखी वैवाहिक जीवन जीने में सक्षम हो पाते हैं। कुंडली के तीसरे घर में उच्च का सूर्य जातक को नेतृत्व करने की क्षमता, संचार कौशल तथा आध्यात्मिक विकास भी प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक सरकार में उच्च अधिकारी पद प्राप्त करने में भी सफल हो पाते हैं। वहीं दूसरी ओर किसी कुंडली के तीसरे घर में स्थित उच्च का सूर्य अशुभ होने की स्थिति में जातक को स्वास्थ्य संबंधित समस्याओं तथा रोगों से पीड़ित कर सकता है तथा ऐसे अशुभ उच्च के सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने व्यवसायिक क्षेत्रों में अपने सहकर्मियों अथवा अपने उच्च अधिकारियों के कारण बहुत समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। कुंडली के तीसरे घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक को आवश्यकता से अधिक आक्रामक भी बना सकता है जिसके चलते जातक अपने जीवन में बहुत से शत्रु बना लेता है तथा उसे इन शत्रुओं के कारण जीवन में अनेक बार हानि उठानी पड़ सकती है। कुंडली के तीसरे घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक को जीवन में अनेक बार दुर्घटनाओं अथवा हिंसा के कारण आने वाली चोटों से पीड़ित भी कर सकता है।

कुंडली के चौथे घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के चौथे घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को अच्छा स्वास्थ्य तथा लंबी आयु प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक सामान्य से लंबी आयु तक जीवित रह पाते हैं। कुंडली के चौथे घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को चिंतन, मंथन तथा आध्यात्मिक विकास जैसी विशेषताएं भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक आध्यात्मिक रूप से बहुत विकसित हो सकते हैं। कुंडली के चौथे घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को पैतृक संपति अथवा किसी की मृत्यु के बाद प्राप्त होने वाली धन संपत्ति आदि भी प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार का शुभ उच्च का सूर्य जातक को सुख, ऐश्वर्य, वाहन, घर आदि का सुख भी प्रदान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के चौथे घर में स्थित उच्च का सूर्य अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है जिसके चलते ऐसे कुछ जातकों को अपने वैवाहिक जीवन में विभिन्न प्रकार की कठिनाईयों का सामना करना पड़ सकता है तथा इन जातकों का अपनी पत्नि के साथ अनेक बार वाद विवाद तथा झगड़ा हो सकता है तथा कुछ स्थितियों में इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले जातकों का अपनी पत्नि से लंबा अलगाव अथवा तलाक भी हो सकता है। कुंडली के चौथे घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक की मानसिक शांति पर भी विपरीत प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक जीवन भर किसी न किसी समस्या से पीड़ित रहने के कारण मानसिक रूप से अशांत तथा तनावग्रस्त रहते हैं। कुंडली के चौथे घर में अशुभ उच्च के सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को जीवन में अनेक बार दुखद कारणों के चलते अपना निवास स्थान बदलना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों को तो अपने रहने का शहर अथवा देश भी बदलना पड़ सकता है।

कुंडली के पांचवें घर में उच्च का सूर्य :
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किसी कुंडली के पांचवे घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को सफल तथा प्रसिद्ध पिता प्रदान कर सकता है तथा ऐसे जातक की उन्नति एवम विकास में उसके पिता का बहुत योगदान रहता है। कुंडली के पांचवें घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को शिक्षा से संबंधित बहुत अच्छे परिणाम दे सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक अपनी उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेशों में भी जाते हैं। कुंडली के पांचवें घर में शुभ उच्च के सूर्य का प्रभाव जातक को व्यवसायिक सफलता, मान, सम्मान, प्रतिष्ठा तथा सदचरित्र भी प्रदान कर सकता है जिसके कारण ऐसे जातक समाज में अपना विशेष स्थान बनाने में सफल हो पाते हैं। कुंडली के पांचवें घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को स्वस्थ तथा भाग्यशाली संतान प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार का शुभ उच्च का सूर्य जातक को आध्यातिक विकास तथा रूचि भी प्रदान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के पांचवें घर में स्थित उच्च का सूर्य अशुभ होने की स्थिति में जातक के व्यवासिक क्षेत्र पर बुरा प्रभाव डाल सकता है जिसके चलते ऐसे जातकों को अपने व्यवसायिक जीवन में स्थापित होने के लिए बहुत सी समस्याओं तथा रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों को व्यवसाय के माध्यम से हानि भी उठानी पड़ सकती है। कुंडली के पांचवें घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक को संतान पैदा करने से संबंधित समस्याओं से भी पीड़ित कर सकता है जिसके चलते ऐसे कुछ जातकों को संतान सुख प्राप्त करने के लिए बहुत समय तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है तथा इनमें से कुछ जातकों को लंबी चिकित्सा भी करवानी पड़ सकती है।

कुंडली के छठे घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के छठे घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को व्यवसायिक सफलता प्रदान कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक सफल डाक्टर, चिकित्सक, वकील, बैंक कर्मी, पुलिस अधिकारी आदि के रूप में जाने जाते हैं तथा ऐसे जातक अपने व्यवसाय के माध्यम से धन के साथ साथ प्रतिष्ठा भी अर्जित करते हैं। कुंडली के छठे घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को बहुत अच्छा स्वास्थ्य भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे बहुत से जातक अपने जीवन में बिना किसी गंभीर रोग से पीड़ित हुए जीवन का आनंद उठाते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के छठे घर में स्थित उच्च का सूर्य अशुभ होने की स्थिति में जातक को विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से तथा रोगों से पीड़ित कर सकता है जिसके चलते इस अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को विभिन्न प्रकार के रोगों के कारण बहुत लंबे समय तक कष्ट उठाना पड़ सकता है। कुंडली के छठे घर में अशुभ उच्च के सूर्य के कारण जातक को बदनामी, हानि तथा कोर्ट केस आदि का सामना भी करना पड़ सकता है जिसके चलते ऐसे कुछ जातक अपने जीवन में अनेक बार इन समस्याओं के कारण कष्ट उठाते हैं। कुंडली के छठे घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक को गंभीर आर्थिक समस्याओं से भी पीड़ित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने जीवन का लंबा भाग आर्थिक तंगी में अथवा आर्थिक संकट में व्यतीत करना पड़ सकता है।

कुंडली के सातवें घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को व्यवसाय तथा व्यापार से संबंधित शुभ फल दे सकता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक व्यापार के माध्यम से धन कमा सकते हैं। कुंडली के सातवें घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को धनी, बुद्धिमान तथा सहायक पत्नि भी प्रदान कर सकता है जिसके चलते ऐसे कुछ जातकों का पूर्ण भाग्योदय विवाह के पश्चात ही हो पाता है तथा इन जातकों की पत्नियां इनके जीवन में धन, समृद्धि एवम सुख लेकर आतीं हैं। कुंडली के सातवें घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को विदेशों में भी स्थापित करवा सकता है तथा इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक स्थायी तौर पर ही विदेशों में बस जाते हैं तथा वहां पर बहुत धन कमाते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के सातवें घर में स्थित उच्च का सूर्य अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है जिसके कारण इस अशुभ प्रभाव से पीड़ित कुछ जातकों का वैवाहिक जीवन तनावपूर्ण तथा कष्टप्रद हो सकता है तथा इन जातकों को वैवाहिक जीवन का सुख प्राप्त नहीं हो पाता। कुंडली के सातवें घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक को आर्थिक हानि से भी पीड़ित कर सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने व्यवसाय के माध्यम से धन हानि उठानी पड़ सकती है जबकि ऐसे कुछ अन्य जातकों को बहुत अधिक धन व्यय करने वाली पत्नियां मिल सकतीं हैं जो इन जातकों का सारा धन व्यर्थ के कार्यों में खर्च करती रहतीं हैं।

कुंडली के आठवें घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को विदेश में स्थापित करवा सकता है जिसके चलते इस प्रकार के उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक स्थायी तौर पर विदेश में ही बस जाते हैं तथा वहां पर सफलता प्राप्त करते हैं। कुंडली के आठवें घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक को पराविज्ञान तथा आध्यात्म से संबंधित गहन रूचि तथा विकास भी प्रदान कर सकता है जिसके कारण इस प्रकार के शुभ उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक इन क्षेत्रों में गहन रूचि रखते हैं तथा शोध करते हैं तथा इनमें से कुछ जातक ऐसे ही किसी विषय को अपना व्यवसायिक क्षेत्र भी बना लेते हैं तथा ऐसे जातक ज्योतिषी, हस्त रेखा विशेषज्ञ, अंक शास्त्री, वास्तु शास्त्री, जादूगर, जादू टोना करने वाले, तांत्रिक, मांत्रिक अथवा आध्यात्मिक साधक हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के आठवें घर में स्थित उच्च का सूर्य अशुभ होने की स्थिति में जातक के स्वास्थ्य तथा आयु पर विपरीत प्रभाव डाल सकता है जिसके कारण इस प्रकार के अशुभ उच्च सूर्य से पीड़ित कुछ जातकों की आयु सामान्य से कम अथवा बहुत कम भी हो सकती है। कुंडली के आठवें घर में स्थित अशुभ उच्च का सूर्य जातक के वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएं पैदा कर सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव से पीड़ित कुछ जातकों के एक अथवा एक से भी अधिक विवाह टूट भी सकते हैं। इस प्रकार का अशुभ उच्च सूर्य जातक को विभिन्न प्रकार के रोगों के माध्यम से भी पीड़ित कर सकता है तथा इनमें से कुछ जातक तो किसी घातक अर्थात जानलेवा रोग से भी पीड़ित हो सकते हैं जो इन जातकों को बहुत लंबे समय तक कष्ट देते रहने के पश्चात अंत में इनके प्राण भी हर लेता है।

कुंडली के नौवें घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के नौवें घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को बहुत धन, संपत्ति, सफलता, नेतृत्व, प्रभुता तथा किसी सरकारी अथवा निजि संस्था में उच्च पद प्रदान कर सकता है जिसके कारण इस प्रकार के शुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातक अपने व्यवसायिक तथा सामाजिक क्षेत्रों में बहुत सफल देखे जाते हैं। कुंडली के नौवें घर में शुभ उच्च के सूर्य के प्रबल प्रभाव में आने वाले जातक को अपने पिता अथवा पैतृक परिवार से बहुत सारी धन संपत्ति अथवा कोई बहुत सफलता से चलता हुआ व्यापार भी प्राप्त हो सकता है। इस प्रकार के शुभ उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक विदेशों में जाकर स्थापित होने में भी सफल होते हैं जबकि ऐसे कुछ अन्य जातक अपने व्यवसाय आदि की सफलता के चलते देश विदेश में प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। कुंडली के नौवें घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक के आध्यात्मिक विकास के लिए भी बहुत प्रबल फल दे सकता है तथा इसके प्रबल प्रभाव में आने वाले कुछ जातक धार्मिक अथवा आध्यात्मिक संस्थाओं में उच्च पदों की प्राप्ति करने में भी सफल हो सकते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के नौवें घर में स्थित उच्च के सूर्य के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में असफलताओं तथा मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है विशेषतया जब ऐसा अशुभ उच्च का सूर्य कुंडली के नौवें घर में पित्र दोष का निर्माण कर रहा हो। कुंडली के नौवें घर में स्थित अशुभ उच्च के सूर्य के प्रबल प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को अपने पिता अथवा पैतृक परिवार के द्वारा लिए गए आर्थिक ॠण को चुकाने का दायित्व उठाना पड़ सकता है जिसके चलते इन जातकों को अपने जीवन में बहुत लंबी अवधि के लिए आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। इस प्रकार का अशुभ उच्च का सूर्य जातक के जीवन के बहुत से क्षेत्रों में असफलताओं की संख्या बढ़ा सकता है तथा इससे पीड़ित जातक को कई बार बहुत प्रयास करने के पश्चात भी असफलता का मुंह ही देखना पड़ता है।

कुंडली के दसवें घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के दसवें घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को व्यवसायिक क्षेत्र में बहुत विकास तथा सफलता प्रदान कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातक अपने व्यवसायिक क्षेत्र में बहुत बड़ी उपलब्धियां प्राप्त करके दूसरे लोगों के लिए मानदंड स्थापित करते हैं। कुंडली के दसवें घर में शुभ उच्च का सूर्य जातक के वैवाहिक जीवन के लिए भी शुभ फल प्रदान कर सकता है तथा ऐसे कुछ जातक अपने व्यवसायिक क्षेत्रों में अपनी पत्नि तथा अपने परिवार के अन्य सदस्यों की सहायता से सफलता प्राप्त करते हैं। इस प्रकार के शुभ उच्च के सूर्य का प्रबल प्रभाव जातक को उसकी व्यवसायिक सफलता तथा उपलब्धियों के चलते राष्ट्रीय अथवा अंतर राष्ट्रीय स्तर की प्रसिद्धि भी प्रदान कर सकता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के दसवें घर में स्थित उच्च के सूर्य के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने व्यवसाय के माध्यम से धन की हानि तथा असफलता का सामना करना पड़ सकता है तथा इस प्रकार के अशुभ प्रभाव में आने वाले कुछ जातकों को तो अपने व्यवसाय के माध्यम से अत्याधिक धन हानि का सामना भी करना पड़ सकता है। कुंडली के दसवें घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक के वैवाहिक जीवन में भी विभिन्न प्रकार की समस्याएं पैदा कर सकता है तथा इस प्रकार के कुछ जातकों को अपनी पत्नि से मतभेदों के चलते लंबे समय तक अलग रहना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों का विवाह टूट भी सकता है।

कुंडली के ग्यारहवें घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को अधिक अथवा बहुत अधिक मात्रा में आर्थिक लाभ प्रदान कर सकता है जो व्यवसाय के माध्यम से भी आ सकता है तथा किसी अन्य माध्यम से भी। उदाहरण के लिए ऐसे कुछ जातकों को अपने माता पिता, भाई बहनों अथवा मित्रों से समय समय पर बहुत सा धन प्राप्त होता रहता है जिसके चलते इन जातकों के पास बहुत सा धन आता ही रहता है। कुंडली के ग्यारहवें घर में शुभ उच्च के सूर्य का प्रभाव जातक को बहुत अच्छे मित्र प्रदान कर सकता है जो जातक के जीवन के अनेक क्षेत्रों में जातक के सहायक सिद्ध होते हैं तथा जिनकी सहायता से जातक अपने जीवन में अनेक सफलताएं प्राप्त करता है। वहीं दूसरी ओर कुंडली के ग्यारहवें घर में स्थित उच्च के सूर्य के अशुभ होने की स्थिति में जातक को अपने व्यवसायिक क्षेत्र में बहुत सी समस्याओं तथा रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातक अपने जीवन में बहुत देर तक व्यवसायिक रूप से सफल नहीं हो पाते तथा इन जातकों को अपने आप को स्थापित करने के लिए बहुत प्रयास करना पड़ता है। इस प्रकार के अशुभ उच्च के सूर्य का प्रभाव जातक अनेक प्रकार की आर्थिक हानियों से भी पीड़ित कर सकता है जिसके चलते इस प्रकार के कुछ जातकों को अपने जीवन में समय समय पर अपने व्यवसाय अथवा अन्य माध्यमों से धन की हानि उठानी पड़ती है।

कुंडली के बारहवें घर में उच्च का सूर्य :

किसी कुंडली के बारहवें घर में स्थित उच्च का सूर्य शुभ होने की स्थिति में जातक को स्थायी रूप से विदेश में स्थापित करवा सकता है तथा इस प्रकार के शुभ सूर्य के प्रबल प्रभाव में आने वाले कुछ जातक विदेशों में स्थापित होकर बहुत सफलता प्राप्त करते हैं तथा विदेशों में एक से अधिक अथवा बहुत से घर भी बनाते हैं। कुंडली के बारहवें घर में शुभ उच्च के सूर्य का प्रभाव जातक को मानसिक शांति प्रदान करता है तथा इस प्रकार का शुभ प्रभाव जातक को आध्यात्मिक विकास तथा साधना में रूचि भी प्रदान करता है जिसके चलते इस प्रकार के शुभ उच्च सूर्य के प्रभाव में आने वाले कुछ जातक आध्यत्मिक रूप से बहुत विकसित होने में सफलता प्राप्त करते हैं। वहीं दूसरी ओर कुंडली के बारहवें घर मे स्थित उच्च के सूर्य के सूर्य के अशुभ होने की स्थिति में जातक के वैवाहिक जीवन में अनेक प्रकार की बाधाएं आ सकतीं हैं तथा इस अशुभ प्रभाव से पीड़ित कुछ जातकों को अपनी पत्नियों से बहुत लंबे समय तक दूर रहना पड़ सकता है जिसके विभिन्न प्रकार के कारण हो सकते हैं तथा इस अलगाव के कारण ऐसे जातक अपने वैवाहिक जीवन के सुख से वंचित रह जाते हैं। कुंडली के बारहवें घर में अशुभ उच्च के सूर्य का प्रभाव जातक को बहुत अधिक व्यय अर्थात खर्च करने की आदत भी डाल सकता है जिसके चलते ऐसे जातकों को अपनी अधिक व्यय करने की आदत के कारण जीवन में अनेक बार आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है तथा इनमें से कुछ जातकों को जीवन में कई बार कर्ज भी लेना पड़ सकता है। कुंडली के बारहवें घर में अशुभ उच्च का सूर्य जातक को विभिन्न प्रकार के रोगों से भी पीड़ित कर सकता है जिसके चलते ऐसे जातकों को बहुत सा समय और धन इन रोगों के उपचार के लिए व्यतीत करना पड़ सकता है।

इस प्रकार कुंडली के प्रत्येक घर में स्थित उच्च का सूर्य कुंडली में शुभ होने की स्थिति में जातक को शुभ फल तथा अशुभ होने की स्थिति में जातक को अशुभ फल प्रदान कर सकता है। इसलिए किसी कुंडली के किसी घर में केवल उच्च के सूर्य के स्थित होने से ही यह निर्णय नहीं ले लेना चाहिए कि ऐसा उच्च का सूर्य जातक को सदा शुभ फल ही देगा तथा कुंडली में ऐसे उच्च के सूर्य के फलों का निर्णय करने से पूर्व कुंडली में सूर्य के शुभ अथवा अशुभ स्वभाव का भली भांति निरीक्षण कर लेना चाहिए तथा तत्पश्चात ही कुंडली में उपस्थित उच्च के सूर्य के शुभ अथवा अशुभ फलों का निर्णय करना चाहिए।

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