सोनभद्र। राजस्व बंदी गृह में सुधाकर दुबे की मौत मानवाधिकार का हनन है इस घटना से प्रशासन का खौफनाक चेहरा सामने आया है समाज में डर और दहशत का माहौल पैदा हो गया है दोषियों को सजा दिलाने के लिए पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज (पीयूसीएल) के विकास शाक्य ने घटना की मजिस्ट्रियल जांच कराए जाने की मांग की है।

श्री शाक्य ने जिलाधिकारी से पत्र सौंपकर की रावटसगंज धर्मशाला चौक निवासी सुधाकर दुबे बैंक से कर्ज लिए थे कोरोना काल मे कर्ज का चुकता नहीं कर पाने के कारण बैंक ने वसूली के लिए तहसील रावटसगंज को वसूली पत्र जारी किया था जिस पर तहसीलदार एवं संग्रह अमीन सुधाकर दुबे को विगत कई दिन पूर्व से ही पकड़ कर अपनी अभिरक्षा में रावटसगंज तहसील के राजस्व बंदी गृह में बंद कर दिए थे।राजस्व बंदी गृह में भीषण गर्मी के मद्देनजर कोई सुविधा नहीं थी और न ही बंदियों के खाने एवं पानी पीने की कोई व्यवस्था है ऊपर से बकाया धनराशि चुकता नहीं करने पर प्रतिदिन क्रूरता एवं अमानवीय व्यवहार से सुधाकर दुबे के हालत दिन प्रतिदिन बिगड़ती चली गई अंतोगत्वा स्थिति गंभीर हो जाने पर परिजनों को इलाज कराने के लिए बोल कर जिला प्रशासन अपने दायित्व से निवृत हो गई जिसके परिणाम स्वरूप राजस्व बंदी की मौत हो गई ।उन्होंने कहा कि तहसीलदार एवं संग्रह अमीन का यह कृत्य अमानवीय है इस घटना से समाज में दहशत का माहौल है दूर्व्यवस्था एवं अमानवीय कृत्य से बंदी की मौत पर मजिस्ट्रेटियल जांच के लिए जिला अधिकारी को पत्र सौंपकर तत्काल कार्यवाही की मांग की है श्री शाक्य ने कहा कि अगर प्रशासन कार्यवाही नहीं करती है तो संगठन विधिक कार्यवाही करने के लिए न्यायालय का सहारा लेगी।
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