तनैऐरा ने आदर्श सिल्क बुनकर सहकारी समिति लिमिटेड और अंगिका हाथ करघा विकास उद्योग सहकारी समिति लिमिटेड के सहयोग से शुरू की अनूठी पहल ‘वीवरशाला’

पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी, 6 मई, 2022ः बनारस के बुनकरों को बुनाई की आधुनिक तकनीकों के बारे में शिक्षित करने, उन्हें काम के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने तथा हाथ से बुनाई की परम्परा को भावी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित बनाए रखने के प्रयास में टाटा की प्रोडक्ट तनैऐरा ने एक अनूठी अवधारणा ‘वीवरशाला- नयी कृति, जिसमें बसे संस्कृति’ का लॉन्च किया है।
तनैऐरा की यह पहल बुनकरों के लिए बुनियादी सुविधाओं को अपग्रेड करने तथा उन्हें काम के लिए अनुकूल माहौल उपलब्ध कराने पर ज़ोर देती है। तनैऐरा, उत्तर प्रदेश में वाराणसी के रामनगर स्थित दो साझेदारों- अंगिका हाथकरघा विकास उद्योग सहकारी समिति लिमिटेड और आदर्श सिल्क बुनकर सहकारी समिति लिमिटेड के साथ मिलकर काम कर रही है। इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का उद्घाटन श्री अशोक धवन- उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य, श्री सी.के. वेंकटरमन, प्रबंध निदेशक, टाइटन कंपनी लिमिटेड तथा श्री अंबुज नारायण, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, तनैऐरा द्वारा किया गया।
तनैऐरा ने इन समितियों के सहयोग से बुनकरों को फ्रेम लूम और सभी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई हैं। इससे बुनकरों को अनुकूल एवं आरामदायक माहौल में काम करने का अवसर मिलता है।
इस पहल के बारे में बात करते हुए श्री सी.के. वेंकटरमन, प्रबंध निदेशक, टाइटन कंपनी लिमिटेड ने कहा, ‘‘हमें गर्व है कि हमें वाराणसी के बुनकर समुदायों की प्रगति एवं कल्याण में योगदान देने के लिए अंगिका हाथकरघा विकास उद्योग सहकारी समिति लिमिटेड और आदर्श सिल्क बुनकर सहकारी समिति लिमिटेड के साथ साझेदारी का अवसर मिला है। ‘वीवरशाला’ ने हमें भारतीय हाथकरघा समुदायों के शिल्पकौशल में सुधार लाने में मदद की है। यह पहल पारम्परिक कारीगरी को संरक्षित रखने और इनके विकास को बढ़ावा देने में कारगर साबित होगी। इससे दोनों सेंटरों में बुनकर 20 फीसदी ज़्यादा आउटपुट दे सकेंगे। आने वाले समय में हम इस प्रोग्राम को अन्य शहरों तक भी लेकर जाएंगे तथा देश के बुनकरों के कौशल को बढ़ाने में मदद करेंगे।’’
श्री जगन्नाथ प्रसाद, संस्थापक, आदर्श बुनकर सहकारी समिति लिमिटेड ने कहा, ‘‘हमारी समिति हाथ से बुनी बनारसी साड़ियों की भव्यता और महिमा को बनाए रखने के लिए उल्लेखनीय प्रयास करती है। ‘वीवरशाला’ के माध्यम से हम बनारसी बुनाई के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहते हैं, साथ ही युवा पीढ़ी को बनारसी बुनाई की तकनीकें सीखने के लिए प्रोत्साहित करना चाहते हैं।’’
श्री अमरेश प्रसाद, कुशवाहा, चेयरमैन, अंगिका हाथ करघा विकास उद्योग सहकारी समिति लिमिटेड ने कहा, ‘‘बुनकरों की आजीविका में सुधार लाने और असंगठित वीविंग युनिट्स को संगठित बनाने के उद्देश्य से हमारी समिति की शुरूआत की गई। ‘वीवरशाला’ के माध्यम से हम बुनकरों को काम के लिए सुरक्षित एवं अनुकूल माहौल उपलब्ध कराना चाहते हैं। इससे युवा बुनकरों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जो कई कारणों से बुनाई के व्यवसाय को छोड़ चके हैं। हाथ से बुनी बनारसी साड़ियों को बढ़ावा देने के लिए समिति बुनकरों और उनके बच्चों को शिक्षित कर रही है।’’
कार्यक्रम में जाने-माने टेक्सटाईल विद्वानों, विशेषज्ञों, उद्योग जगत के दिग्गजों एवं साड़ियां पसंद करने वाले लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था

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