
गुरुवार को भारत सरकार की मिनीरत्न कंपनी नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड(एनसीएल) के दूधिचुआ क्षेत्र के मशीनी बेड़े में 100 टन के 4 नए डंपर शामिल हुए हैं । ये डंपर नवीनतम तकनीक व सुरक्षा सुविधाओं से लैस हैं और इनमें एर्गोनॉमिक तकनीक का उपयोग किया गया है जिससे इसमें तैनात चालक के लिए बेहतर स्वस्थ्य एवं सुरक्षा सुनिश्चित होगी और कार्य दक्षता भी बढ़ेगी ।
दूधीचुआ क्षेत्र के महाप्रबंधक श्री अनुराग कुमार ने चारों डंपरों को झंडी दिखाकर इन्हें राष्ट्र की उर्जा सुरक्षा के कार्य में नियोजित किया। | कार्यक्रम के दौरान परियोजना के वरिष्ठ पदाधिकारीगण उपस्थित रहे |
दूधीचुआ क्षेत्र की उत्पादन क्षमता को बढ़ाकर 25 मिलियन टन किया जाना है, इसी लक्ष्य को हांसिल करने के लिए यहाँ पर 28 नए डंपरों की तैनाती की जा रही है, यह चार डंपर उन्हीं 28 डंपरों की खेप का ही हिस्सा हैं | वर्तमान में दूधीचुआ क्षेत्र ने 22 मिलियन टन लक्ष्य के सापेक्ष अभी तक 21 मिलियन टन से अधिक उत्पादन कर लिया है |
गौरतलब है कि दूधिचुआ खदान को एनसीएल की “बास्केट माइन” के तौर पर भी जाना जाता है क्योंकि यह खदान एनसीएल की अन्य खदानों द्वारा बिजलीघरों को कोयले की आपूर्ति के दौरान पूरक खदान के रूप में कार्य करती है |
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