आचार संहिता लागू होने के बाद आइपीएफ ने स्थगित किया अनिश्चितकालीन धरना

म्योरपुर/पंकज सिंह

वनाधिकार कानून के तहत जमीन पर अधिकार और दवाई, कमाई व पढाई को आने वाले चुनाव में मुद्दा बनाने के संकल्प के साथ आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट ने रासपहरी और धधरा में जारी अनिश्चितकालीन धरने को स्थगित करने की घोषणा की। धरने को समाप्त करते हुए वक्ताओं ने कहा कि किसी भी सरकार ने दुद्धी में वनाधिकार कानून के तहत आदिवासियों और वनाश्रितों को उनकी पुश्तैनी जमीन पर अधिकार नहीं दिया। दवा के अभाव में लोग मरते रहे म्योरपुर, बभनी और दुद्धी के स्वास्थ्य केन्द्रों पर समुचित इलाज की व्यवस्था नहीं की गई। आदिवासी लड़कियों शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है।

डीग्री कालेज के अभाव में उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ती है। आज भी लोग उद्योगों के प्रदूषित पानी को पीने से बेमौत मरते है। शुद्ध पेयजल की व्यवस्था के अभाव में उन्हें चुआड़, बरसाती नालों, कच्चे कुओं का पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। मनरेगा में रोजगार के अभाव में यहां बड़े पैमाने पर लोग पलायन करते है। इसलिए इन सभी जन मुद्दों को आइपीएफ आगामी विधानसभा चुनाव में राजनीतिक सवाल बनायेगा और इस पर जन गोलबंदी की जायेगी। रासपहरी में तहसीलदार दुद्धी और घघरा थानाध्यक्ष बभनी द्वारा राज्यपाल को सम्बोधित मांग पत्र लेकर धरना समाप्त कराया गया। आज के धरने में आइपीएफ जिला संयोजक कृपा शंकर पनिका, मजदूर किसान मंच जिलाध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, मंगरू प्रसाद गोंड़, देव कुमार विश्वकर्मा, इंद्रदेव खरवार, मनोहर गोंड़, बिरझन गोंड़, महावीर गोंड़, अमरनाथ गोंड़, राम विचार गोंड़, देव कुमार खरवार आदि लोग मौजूद रहे।

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