नारद मोह की लीला से प्रारंभ हुआ रामलीला का मंचन

सत्यदेव पांडेय
चोपन-सोनभद्र- विगत सवा सौ वर्षो से ग्राम पंचायत सिन्दुरिया में आयोजित किए जा रहे साप्ताहिक रामलीला का मंचन नारद मोह की लीला से प्रारंभ हुआ। हिम गिरि की गुफाओं में विचरण कर रहे नारद जी वातावरण अनुकूल देख साधना में लीन हो गए उनकी तपस्या से घबराकर इंद्र का सिंघासन डोलने लगा और तप भंग करने के लिए मेनका आदि अप्सराओं को भेजा किन्तु कामदेव और अप्सराओं के अनेक यत्न के बाद भी साधना भंग न हुई इस कारण नारद जी को अहंकार हो गया और अपनी विजय गाथा सभी देवताओं को बताने लगे सबने उन्हे भगवान विष्णु जी से बताने को मना किया किन्तु नहीं माने। भगवान विष्णु ने नारद के अंदर अंकुरित हो रहे गर्व के अंकुर को समाप्त करने के लिए माया का विस्तार किया और बंदर का रुप देकर स्वयंवर में भेज दिए जिन्हे देखकर विश्व मोहिनी ने अस्वीकार करके भगवान को ही वरमाला पहना दिया और नारद का गर्व दूर किया। जिससे नाराज होकर नारद ने भगवान को श्राप दिया और भगवान ने स्वीकार कर लिए और कहा कि अपने भक्त के अंदर अहंकार मैं नहीं देख सकता इसलिए आपके साथ ऐसा किया नारद ने पश्चाताप करते हुए भगवान से क्षमा माँगा भगवान ने कहा अब आप कभी भी माया से ग्रसित नहीं होंगे । मौके पर रामलीला समिति के अध्यक्ष सुरेश पांडेय, विद्या शंकर पांडेय, व्यास जी मुरली तिवारी, डॉक्टर रामगोपाल शास्त्री, नरसिंह तिवारी, प्रेम शंकर पांडेय, राम जानकी पांडेय,पूर्व प्रधान राम नारायण पांडेय, दिनेश पांडेय, कमलेश पांडेय, हृदय नारायण पांडेय, उदय नारायण पांडेय, आदित्य नारायण पांडेय, अवधेश नारायण पांडेय, बृजेश पांडेय, कृपा शंकर पांडेय, समस्त पांडेय परिवार एवं ग्रामीण जनता मौजूद रहे।

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