असली बलिदानों को भूलकर सिकंदर को बना दिया गया महान-अशोक सोनकर

अमृत महोत्सव के समापन अवसर पर म्योरपुर में बोले बीएचयू के प्रोफेसर

म्योरपुर/पंकज सिंह

अमृत महोत्सव आयोजन समिति के तत्वाधान में बृहस्पतिवार को महोत्सव के समापन समारोह का आयोजन किया गया।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की दृष्टि से दुद्धी जिले के कार्यक्रम का समापन म्योरपुर स्थित मां महामैत्रायणी योगिनी इंटर कालेज परिसर में हुआ।इस अवसर पर विभिन्न जगहों से तिरंगा यात्रा के साथ बड़ी संख्या में प्रतिभाग किया अमृत महोत्सव के समापन अवसर को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए बीएचयू के प्रोफेसर अशोक सोनकर ने कहा कि आजादी के असली बलिदानों को गुमनाम करके सिकंदर को महान बना दिया गया।ऐसे में इतिहास के साथ छेड़छाड़ की गई।जिन्होंने देश के लिए बलिदान दिया और अपने प्राणों की आहुति दी उनको याद करने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव का असली उद्देश्य यही है कि हम अपने आसपास के बलिदानों को याद करें।कहा कि आज सड़कों का नाम ग्रांड टैंक रोड व औरंगजेब रोड है।कहा हमें स्थानीय बलिदानीयों के नाम पर सड़कों का नाम रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि असल बलिदानों का नाम इतिहास में नहीं लिख गया है, जहां लिखा भी गया है, वहां नाम मात्र की जगह दी गई है बनवासी क्षेत्रों में अंग्रेजों के प्रवेश के बाद बिरसा मुंडा ने आंदोलन के बल पर समाज और देश की रक्षा की, लेकिन बिरसा मुंडा को कहीं इतिहास में जगह नहीं दी गई है।उन्होंने कहा कि आजादी के 75 वर्ष पूरा होने पर अमृत महोत्सव के आयोजन के बाद देश के नाम पर अपनी जान न्योछावर करने वालों के नाम पर हम सड़कों और स्थानों का नामकरण करें, जिससे उनकी याद बनी रहे।कार्यक्रम में वीरेंद्रनारायण शुक्ला, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक पुनीतलाल, जिला संघचालक नंदलाल, वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत संगठन मंत्री आनंद, अरुणोदय जौहरी, रामकुमार यादव, जिला प्रचारक इंद्रसेन, गगन, ब्लाक प्रमुख मान सिंह गौड़, शेषनाथ तिवारी, रमाशंकर गुप्ता समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। इससे पूर्व बीजपुर, बभनी, आश्रम मोड़, लिलासी आदि स्थानों से तिरंगा यात्रा निकालकर लोग म्योरपुर स्थित कार्यक्रम स्थल पहुंचे।इसके बाद विभिन्न विद्यालयों के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की।

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