- 65 हजार रुपये अर्थदंड, न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद
- छह वर्ष पूर्व हुए दुष्कर्म का मामला
- अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी
सोनभद्र। छह वर्ष पूर्व 17 वर्षीय नाबालिग बालिका को बहला फुसला कर भगाने एवं उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट, सोनभद्र पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने शुक्रवार को सुनवाई करते हुए दोषसिद्ध पाकर दोषी फिरोज खां उर्फ सोनू को 7 वर्ष की कैद एवं 65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक कोन थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी एक व्यक्ति ने 21 जुलाई 2015 को कोन थाने में दी तहरीर में आरोप लगाया था कि 19 जुलाई 2015 को उसकी 17 वर्षीय नाबालिग बेटी अपने चाचा के लड़के के साथ मामा के घर जा रही थी। शाम करीब 4 बजे तेलगुड़वा मोड़ के पास से कोन थाना क्षेत्र के मिटिहिनिया गांव निवासी फिरोज खां उर्फ सोनू पुत्र सोहराब खां बाइक से आ गया और बेटी को बहला फुसलाकर भगा ले गया। उसकी काफी तलाश की गई लेकिन उसका पता नहीं चला। इस तहरीर पर पुलिस ने अपहरण, दुष्कर्म के साथ ही पॉक्सो एक्ट में एफआईआर दर्ज कर लिया। विवेचना के दौरान पर्याप्त सबूत मिलने पर विवेचक ने न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान एवं पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषसिद्ध पाकर दोषी फिरोज उर्फ सोनू को 7 वर्ष की कैद एवं 65 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड न देने पर एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी। वहीं अर्थदंड की समूची धनराशि पीड़िता को मिलेगी। अभियोजन पक्ष की ओर से शासकीय अधिवक्ता दिनेश अग्रहरि एवं सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने बहस की।