सेंटर संचालकों का रुपये हेराफेरी का मामला पहुंचा संपूर्ण समाधान दिवस पर जिलाधिकारी के पास

डीएम टी के शिबू ने जिला समन्वयक अधिकारी को जांच का निर्देश दिया,

सेंटर संचालकों के सामने खड़ी हुई रोजी रोटी की संकट

दुद्धी-सोनभद्र(समर जायसवाल)- प्रधानमंत्री कौशल विकास मिशन व उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन योजना के तहत दुद्धी कस्बा सहित कोन के कौशल विकास केंद्र संचालको ने आज सम्पूर्ण समाधान दिवस में डीएम टी.के. शिबु को प्रार्थना पत्र सौंप कर न्याय की गुहार लगाई है। संचालकों ने ट्रेनिग पार्टनर उद्योग विकास संस्थान के मालिक अमर कुमार अग्रवाल निवासी मड़ुआडीह, वाराणसी पर धन गबन करने का आरोप लगाया है। आरोप लगाया कि सेंटर संचालकों ने लाखों रुपये जमापूंजी व ब्याज पर रकम लेकर सेंटर चलाया लेकिन प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद भी व शासन द्वारा उक्त प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के एवज में धन अवमुक्त करने के बाद भी ट्रेनिग पार्टनर ने वर्षों बीत जाने के बाद भी संचालकों पैसा नहीं दिया गया। केंद्र संचालक मनोज कुमार गुप्ता , जितेन्द्र चन्द्रवंशी , बृजेश कुमार व सहयोगी दीपक कुमार जायसवाल , राकेश कुमार गुप्ता , पंकज कुमार कुशवाहा , ईश्वर प्रसाद ने डीएम को अवगत कराया कि प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना एवमं उत्तर प्रदेश कौशल विकास योजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में ट्रेनिंग पार्टनर अमर कुमार अग्रवाल (उद्योग विकास संस्थान) द्वारा विभिन्न ट्रेडों व जनपदों में निशुल्क शिक्षा श्रम विभाग से पंजीकृत मजदूरों के आश्रित बच्चों व सामान्य पिछड़ी , दलित व अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों को सेंटर संचालको की जमा पूंजी लगभग 10 – 10 लाख रुपये का निवेश कराकर कई माह निशुल्क प्रशिक्षण कराया गया। प्रशिक्षण के विषय वस्तु उपकरण कम्प्यूटर ,सीसीटीबी कैमरा , मेज , कुर्सी , प्रोजेक्टर , रसोई सामग्री , बैटरी , इन्वर्टर व संबंधित कोर्स के उपकरण संस्था से संबंधित सभी पदाधिकारीगण का वेतन कमरे का किराया बिजली बिल इत्यादि सहित योग्य व प्रशिक्षित ट्रेनरों के माध्यम से कौशल में दक्ष प्रशिक्षित बच्चों को किया गया जिसका परीक्षा भी सम्पन्न कराया गया और कोर्स पूरा करने पर सेंटर संचालक़ो को रुपये प्रति छात्र कराए प्रदान कराए जाने की बात कही गयी थी , परंतु कोर्स पूरा होने के बाद उद्योग विकास संस्थान के ट्रेनिंग पार्टनर अमर कुमार अग्रवाल द्वारा शासन से धन प्राप्त हो जाने के बाद भी संचालको को रुपये प्रदान नहीं किये जा रहे हैं। जिसमें एमआईएस अंकित श्रीवास्तव एवमं देवराज नारायण सहित लखनऊ स्थित एमडी आदि का सेंटर संचालकों के पैसों को गबन करने में बराबर का हिस्सेदारी रहा है लाखों करोड़ो का सपनों का महल , गाड़ी , बंगला आदि भौतिक सुख साधन का टीपी एवमं एमआईएस मिलकर सुख भोग रहे हैं और हम सेंटर संचालक मानसिक अवसाद का शिकार होकर आत्म हत्या जैसे गई गंभीर प्रयास किया जा चुका है। इस मामले में कर्ज के बोझ तले जीवन मरण का संघर्ष झेल रहे हैं अगर धन प्राप्त नहीं हुआ तो सेंटर संचालक कर्ज व शुद से परेशान होकर कभी अप्रिय कदम उठा सकते हैं, उन्होंने डीएम से निवेदन किया कि अपनी जमा पूंजी से संचालित कौशल विकास केंद्र में प्रशिक्षिण उपरांत जो पैसा टीपी संचालक द्वारा गबन करने के नियत से अभी तक भुकतान नहीं किया गया उसे भुकतान कराया जाए। जिस पर प्रकरण को संज्ञान में लेकर डीएम ने जिला समन्वयक कौशल विकास को जांच कर प्रकरण को निपटारा हेतु निर्देशित किया है।

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