ग्रामीण छात्र/छात्राएं दूरदराज पढ़ने जाने को है मजबूर
ओमप्रकाश रावत
ग्राम प्रधान धूमा के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रारंभ कराने की किया मांग।।
विंढमगंज-सोनभद्र- थाना क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत मेदनीखाड में हाई स्कूल का नवनिर्मित बिल्डिंग लगभग दो बर्षो पुर्व बनकर तैयार है वहीं बिल्डिंग में ताला लटक रहा है आज सुबह स्थानीय ग्रामीणों व ग्राम प्रधान राम प्रसाद यादव सहित प्रबुद्ध जनों ने भरत मोड पर स्थित नवनिर्मित राजकीय हाई स्कूल प्रांगण के मुख्य गेट पर जमकर विरोध प्रदर्शन किया और विद्यालय संचालन हेतु प्रशासन से मांग किया। इस संबंध में ग्राम प्रधान ने कहा कि यह बिल्डिंग कई वर्षों से बनकर तैयार खड़ी है लेकिन इसका लाभ ग्रामीण छात्रों को नहीं मिल पा रहा है मजबूरन छात्रों को निजी विद्यालय एवं अटैचमेंट प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा ग्रहण करने हेतु दूर जाना पड़ रहा है जिससे कई ग्रामीणों ने तो अपने बच्चों की पढ़ाई भी छुड़वा दिया और उन्हें घर पर ही बैठा दिया जिससे आदिवासी बहुल नक्सल प्रभावित क्षेत्र होने के कारण यहां के बच्चों का भविष्य अंधकार में डूब रहा है। इस संबंध में परिजनों रमेश कुमार, सुरेंद्र प्रसाद, परमानंद, महेश कुमार, राजेंद्र प्रसाद, दुर्गा प्रसाद का कहना है कि जब सरकार के द्वारा करोड़ों रुपए की लागत से खर्च करके इस आदिवासी नक्सल प्रभावित क्षेत्र में एक सौगात यहां के लडके व लडकियों को पढ़ने के लिए मिला है तो उसका उपयोग या लाभ क्यों नहीं मिल रहा जो हम सभी ग्रामीण क्षेत्र में रह रहे लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बात है जबकि नवनिर्मित बिल्डिंग पूर्ण रूप से बनकर तैयार हैं जिसमें सरकार का करोड़ों रुपए बच्चियों के भविष्य हेतु लगाया गया है परंतु अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह विद्यालय प्रारंभ नहीं हो पा रहा है जिससे इस क्षेत्र के गरीब आदिवासीयो के बच्चियों को शिक्षा ग्रहण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। यहां तक की बच्चियों को प्राइमरी विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने हेतु दूर जाना पड़ता है सरकार के द्वारा स्वास्थ्य व शिक्षा को लेकर अनगिनत योजनाएं चलाई जा रही हैं वही मेदनीखाण के भरत मोड पर बना राजकीय बालिका हाई स्कूल विद्यालय शिक्षा के बिना बंद पड़ा हुआ है। स्थानीय ग्रामीणों व पूर्व प्रधान सहित दर्जनों लोगों ने आज राजकीय बालिका हाई स्कूल पर आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन कर सरकार से राजकीय बालिका हाई स्कूल का शुभारंभ कराने हेतु मांग किया है जिससे कि इस क्षेत्र के गरीब आदिवासी लोगों को शिक्षा की सुविधा मिल सके और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के बच्चे पढ़ लिख कर गांव, जनपद व देश नाम रौशन कर सके। ग्रामीणों ने विरोध प्रदर्शन में यह भी चेताया है कि अगर आगामी विधानसभा के पूर्व विद्यालय संचालित नहीं होता है तो हम सभी ग्रामीण मतदाता मतदान का बहिष्कार भी करने को तैयार है।