बडहर राज परिवार के देवांश ब्रह्म को राइफल शूटिंग में मिल चुका है स्वर्ण पदक

सर्वेश श्रीवास्तव
शाहगंज-सोनभद्र- इलाहाबाद विश्विद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त अगोरी- बड़हर राज परिवार के देवांश ब्रह्म का ऐसा ही सहज सरल स्वभाव उन्हें जनसेवा के लिए शायद प्रेरित करता हैं। राजकुमार क्रांति ब्रह्म पुत्र देवांश पर्यटन में राजस्थान से डिप्लोमा प्राप्त किये हैं। प्रचार-प्रसार से दूर गम्भीर स्वभाव के से आम लोगों के बीच तलाशने का एक ही तरीका है उनकी विनम्रता, सादगी, राजपुर की स्थानीय लोकभाषा का अपना अलग अंदाज। शिष्टाचार, अभिवादन, शीलता और मौन रहते हुए किसी जरूरतमंद की सेवा करने में उनके आत्म संतोष को उनकी मुस्कुराती आंखों में महसूस किया जा सकता है। अगोरी – बड़हर राज घराने का स्वर्णिम इतिहास जन सेवा के कारण ही है। प्रपितामह स्मृति शेष राजा शारदा महेश सिंह शाह 20 फरवरी 1937 को मिर्जापुर दक्षिणी विंधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे। पितामह स्मृति शेष राजा आनंद ब्रह्म शाह भारतीय जनसंघ से एक अप्रैल 1957 से 1962 तक रॉबर्ट्सगंज विंधानसभा से विधायक निर्वाचित हुए थे। राजगढ़ विंधानसभा क्षेत्र से 1969 में विधायक बने।रॉबर्ट्सगंज में राजा शारदा महेश इण्टर कालेज, राजा तेजबली शाह क्लब मैदान समेत दो अन्य विद्यालयों के लिए जमीन दान देने वाले इस राज परिवार का सामाजिक सरोकार सदैव आम लोगों को आकर्षित करता रहा है। दुद्धी में सार्वजनिक सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए चाहे भूमि दान देने की बात हो अथवा मिर्जापुर में घण्टा घर की जमीन राजकीय कार्य के लिए सौंपने की बात हो या फिर वाराणसी स्थित दुर्गा कुण्ड के पास स्वामी करपात्री जी महाराज जी को दान देनें का अवसर रहा हो राज परिवार आगे बढ़कर सहायत सहयोग करता आ रहा हैं। चंदेल वंश के राज घराने के निकट के जमसोकर गांव के स्मृति शेष श्रीराम भक्त बाबू श्रीनिवास सिंह के सुपुत्र बाबू बृजेश सिंह कहते है, राज परिवार आज भी सार्वजनिक जीवन में आम आदमी की तरह आम ढंग से आम लोगों के साथ घुल मिलकर रहने सहने में सुख का अनुभव करता है। सांस्कृतिक गतिविधियों में बढ़-चढ़कर भाग लेने वाले देवांश ब्रह्म किसान मेला, वनवासी सम्मेलन, श्रीरामलीला मंचन, धार्मिक, सामाजिक आयोजन आदि में रुचि लेते हैं, बहुत जरूरी होने पर ही सीमित शब्दों में तथ्यात्मक तर्क पूर्ण विषय रखने वाले देवांश ब्रह्म एक अनुशासित युवक हैं जिनके जिगर में आम आदमी के दर्द को कम करने के लिए कुछ करने की छटपटाहट साफ दिखती है। खेल के प्रति रुचि रखने वाले राजपुर के एक संवेदनशील आम नागरिक है जो प्रचार से और लोकेषणा से कोसों दूर रहते हैं। ऐसे सरल एवं सौम्य व्यक्तित्व के धनी राजघराने के कुंवर के स्वस्थ्य एवं मस्त रहकर देश काल और समाज के लिए जीवन जीने की हम विंध्य क्षेत्र के प्रबुद्ध जन कामना करते हैं।

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