लम्बे समय सें वन विभाग की विवादों के भेंट चढ़ता रहा पटवध-बसुहारी सम्पर्क मार्ग

– नक्सल प्रभावित दृष्टी से अहम है दर्जनों गांव, अमिला देबी धाम समेत बिहार राज्य को भी यह जोड़ता है, सम्पर्क मार्ग

गुरमा-सोनभद्र(मोहन गुप्ता)- नक्सल प्रभावित कनछ-बसुआरी सम्पर्क मार्ग वन विभाग के विवादों की भेंट चढ़ गया है। कनछ, पकरी, ससनई, बसुआरी एंव अमिला देबी धाम सहित बिहार राज्य को जाने वाली यह मार्ग का टेंडर पीडब्ल्यूडी द्वारा लगभग 18 महीने पहले प्रथम चरण में 32 करोड़ स्वीकृत हुआ था। जैसे ही ठेकेदार द्वारा मैेटेरियल गिराने का कार्य प्रारंभ हुआ कि वन विभाग के अधिकारी पहुँचकर मार्ग के कार्य अड़ंगा लगाते कार्य को रूकवा दिया। कन्हौरा ग्राम प्रधान प्रतिनिधि अशोक मौर्य ने बताया कि जब नक्सलियो का आतंक बढ़ा था उस समय यह मार्ग नक्सल प्रभावित गांवो मे पहुचने का एकमात्र साधन था। जिलाधिकारी पंधारी यादव, पुलिस अधीक्षक प्रीतिंदर सिंह के अथक प्रयास से पटवध-बसुहारी सम्पर्क मार्ग का निर्माण करवाया, नक्सलवाद का खात्मा करने के उद्देश्य से

सीआरपीएफ कैम्प की स्थापना की गई थी। उस समय मार्ग निर्माण मे भी वन अधिकारी अड़ंगा लगाए थे लेकिन जनपद के उपरोक्त दोनों आला अधिकारियो ने शासन स्तर पर पत्राचार कर वन विभाग से एनओसी प्राप्त कर लिये। अब यह मार्ग काफी जर्जर एंव गड्ढा युक्त हो जाने से आवागमन में काफी परेशानी यात्रियों को झेलनी पड़ रही है जिससे राह चलना कठिन हो गया है। लोक निर्माण खण्ड द्वारा सड़क चौड़ीकरण एव सुंदरीकरण के टेंडर स्वीकृत हो चुका है, उन्होंने यह भी बताया की इस सड़क निर्माण के लिए ग्रामीण वन विभाग के प्रति आक्रोशित है अगर वन विभाग अड़ंगा लगाने से बाज नही आएगा तो वन विभाग के खिलाफ ग्रामीणों द्वारा जोरदार विरोध प्रदर्शन होगा और इसके लिए वन अधिकारी जिम्मेदार होंगे। मार्ग से जुडे दर्जनो गांवो के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी सोनभद्र से हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई है।

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