सोनभद्र।घोरावल ब्लाक के गूरेठ ग्राम पंचायत में चल रहे श्रीरामचरितमानस महायज्ञ के पांचवें दिन अपने मानस प्रवचन में मानस माधुरी सुनीता पांडे ने फुलवारी प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि गुरु विश्वामित्र से आज्ञा के उपरांत अपने गुरु की पूजा हेतु जनकपुरी की वाटिका से पुष्प लाने हेतु गए,त्रिकालदर्शी महर्षि विश्वामित्र जी ने अपने तप के द्वारा श्री नारायण एवं माता जगत जननी के मिलन का उचित समय जान श्री राम एवं लक्ष्मण को पुष्प वाटिका में पुष्प लेने हेतु भेजा।

वहां पहुंचकर जब श्रीराम ने माता सीता को नहीं देखा तो वह उनके बारे में वहां उपस्थित माली जन से पूछने लगे ” चहुँदिशि चितइ पूछि मालिगन ,लेने लगे दल फूल मुदित मन !! जब माता सीता ने श्री राम को देखा तब माता सीता गौरी मां के मंदिर गई और उनसे कहा जिस प्रकार आपने अपने हठ एवं तप के द्वारा भगवान शंकर को प्राप्त किया उसी प्रकार मुझे भी वर् के रूप में श्री राम को दीजिए ” जन्म कोटि लगी रगर हमारी ,बरौ शंभू न त रहौ कुवारी !!

इसी प्रकार आप हमें भी वरदान दीजिए कि जिस प्रकार आपने पति के रूप में भगवान शिव एवं पुत्रो के रूप में गजानन तथा सडानन को प्राप्त किया उसी प्रकार मैं भी पति के रूप में श्री राम को एवं दो पुत्रों को प्राप्त करू इस अवसर पर यज्ञ आचार्य पंडित हरिराम मिश्रा, पूर्व विधायक तीरथ राज, अर्जुन प्रसाद, राज कुमार चौबे, रामानंद पांडे, गुलाब लाल , ईश्वर प्रसाद, गणेश देव, अंकुल , कमलेश मिश्र, कौस्तुभ, सियाराम, विनोद ओझा, विनोद तिवारी, विनोद पांडे, अजीत पांडे, हनुमान समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
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