समर जायसवाल-
दुद्धी / सोनभद्र।ब्लॉक क्षेत्र के मल्देवा गांव स्थित महारानी दुर्गावती स्मारक स्थल पर मंगलवार को आदिवासियों ने आदिवासी धर्म गुरु डॉ मोती रावण कंगाली की जयंती संक्षिप्त कार्यक्रम के साथ मनाया । सबसे पहले बावन गढ़ के देवी देवताओं की पूजा अर्चना करने के धर्माचार्य डॉ कंगाली की चित्र पर पुष्प अर्पित कर जयंती मनाई और अपने धर्म को स्थापित करने का संकल्प लिया । मुख्य अतिथि गोंडवाना महासभा के कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष रामसिंह पोया ने जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि डॉ मोती रावण कंगाली गोंडवाना के महायोद्धा थे जिसने गोंडवाना समाज का समग्र विकास की संरचना किया ।उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज में दो ही रत्न है हीरा और मोती जिसे हिरामोती रावण कंगाली कहते हैं।हम सब आदिवासी समाज गोंडवाना भू भाग का निवासी हैं।इसलिए हम सब आदिवासियों को संगठित होकर अपने समाज के प्रति कर्तव्य निर्वहन करना चाहिए तभी आदिवासी समाज का भला हो सकता है क्योंकि आदिवासी समाज में शिक्षा की कमी का लोग फायदा उठाते हैं इसलिए सबसे पहले आदिवासी समाज को शिक्षित होना होगा ताकि वह अपना अधिकार एवं कर्तव्य समझ सके ।सभा में सभी लोगो ने नशाउन्मूलन करने का संकल्प लिया।
विशिष्ट अतिथि गोंडवाना महासभा के जिलाध्यक्ष रामनरेश पोया, तुलसी पनिका,चन्द्रिका सिंह,सुखदेव पोयाम ने संयुक्त रूप से जयंती समारोह को सम्बोधित करते हुए समाज को शिक्षा से जोड़ने की अपील किया।
आदिवासी महासंघ के जिला अध्यक्ष फौदार सिंह परस्ते ने कहा कि समाज को अब मुख्य धारा में आने की जरूरत है।
बैठक में मुख्य रूप से सुरेंद्र सिंह पोया, हरिप्रसाद सलबन्दी ,हीरालाल ,अमर सिंह ,अनिल सिंह ,रमाशंकर,सोहन,जयमंगल, शिवकुमार,सनातन सिंह, नन्दगोपाल,कन्हैया, हरिकिशुन,हीरामणि सिंह,वंशराज सिंह,हीरालाल, विजय सिंह, देवकुमार, संघर्ष परस्ते,पार्वती देवी,चिंता देवी,दुखनी देवी,देवंती देवी सहित अन्य कई लोग मौजूद रहे।कार्यक्रम का संचालन फौजदार सिंह ने किया ।