समर जायसवाल-

विंढमगंज/ सोनभद्र| स्थानीय रेंज के वन कर्मियों की मिलीभगत से करहिया में कनहर नदी अवैध बालू का टीपरो के माध्यम से धड़ल्ले से चल रहा है,अवैध ढंग से निकाले गए चोरी के बालू को कोन कचनरवा में 10 से 12 हजार रुपये प्रति टीपर बेचा जा रहा है| सूत्र बताते है कि दुरूह गांव करहिया से 6 की संख्या में टिपर बेखौफ दौड़ाए जा रहे है जो घिचोरवा वन चौकी से होकर गुजरते है| और एक -एक टिपर 24 घंटे में 2से 3 चक्कर लगाते है| चूंकि यह गांव उबड़ खाबड़ रास्तों से होकर जाता है जिससे इस लिए राजस्व के अधिकारियो का दौरा कम होता है और वन विभाग के जिम्मेदार मिलीभगत कर बेखौफ टिपर चलवा रहे है ,सूत्र बताते है कि एक टिपर से 20 से 25 हजार रुपये प्रति माह की माहवारी ले ,अवैध खनन करवा रहे है| नाम ना छापने की शर्त पर कुछ ग्रामीणों ने बताया कि गरीबा के घर के पास से कनहर नदी से ट्रैक्टरो के माध्यम से बालू उठता है जिसे सुखमली चेरों के घर के पास डंप कर उसे टीपरो द्वारा उठाकर कोन ,कचनरवा में तस्करी की जा रही है|अगर उच्च अधिकारी कनहर नदी में हुए खनन की जांच करें तो भारी पैमाने पर अवैध खनन का खुलासा हो सकता है|
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