बभनी/सोनभद्र (अरुण पांडेय)
आर्थिक तंगी के कारण छ: महीने से 2500 रुपए में गिरवी रखा अपना राशन कार्ड।
पत्नी खा रही दर-दर की ठोकरें।
बभनी। विकास खंड के ग्राम पंचायत चैनपुर निवासी उमेश कुमार पुत्र स्व. जंगबहादुर उम्र 45 वर्ष जो वर्षों से बीमारी से जूझ रहा है उसकी कीडनी एक वर्ष से खराब चल रही है गांव में मजदूरी करने वाला व्यक्ति कुछ दिनों तक अपना ईलाज पास के ही निजी क्लिनिक से कराया जब बीमारी बढ़ती गई तब उसका ईलाज बीएचयू वाराणसी से कराया जाने लगा उसकी पत्नी गीता देवी ने बताया कि पैसे के अभाव में उसने जिसकी थोड़ी बहुत जमीन थी व पेंड़ भी गांव के ही व्यक्ति के पास गिरवी रख दिए परंतु बीमारी से कुछ निजात मिलने लगा अंत में लाकडाऊन से महीनों पूर्व उसने गांव के ही एक व्यक्ति के पास 2500 रुपए में अपना राशन कार्ड भी गिरवी रख दिया गांव के ऐसे संभ्रांत लोगों ने ऐसा दरियादिली दिखाई कि उसके अंतिम आसरे को भी सहारा न देकर चंद पैसों के लालच में गिरवी रख लिया उसके दो बच्चे हैं एक 12 वर्ष का लड़का है और दूसरी 8 वर्ष की लड़की लाकडाऊन होने के कारण वह दवा ईलाज कराने में असमर्थ रही ऐसी दशा में उसने अपने मायके वालों का सहारा लेती रही उसके मायके वालों की आर्थिक स्थिति सही न होने के कारण केवल अपने दो वक्त की रोटी के इंतजाम ही कर पाते हैं। पीड़ित की पत्नी गीता ने बताया कि लाकडाऊन में पहले से रखे पांच बोड़ी धान को भी गांव के साहूकारों के पास बेंच दिया और हर महीने गांव के ही व्यक्ति के पास गिरवी रखे राशन कार्ड पर अंगूठा लगाने जाती है जिसका राशन वही साहूकार लेता है जब पांच दिन पहले बीएचयू में चेक कराने गई तो डाक्टर ने कहा कि अब ले जाओ या तो इसकी डायलिसिस कराओ या फिर इसकी अंतिम इच्छा पूरी करो उसका आयुष्मान भारत योजना का कार्ड रेनुअल नहीं हो सका है जिससे उसका और उसके बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है। पीड़िता ने क्षेत्रीय विधायक व जिलाधिकारी से अपने पति के ईलाज के लिए सहयोग के भीक्षा की मांग की है।जब इस संबंध में गांव के कोटेदार शिवचंद से जानकारी ली गई तो उसने बताया कि वो महिला आती है और अंगूठा लगाकर चली जाती है उसका राशन कौन लेता है इसकी जानकारी हमें नहीं है और ऐसी विपत्ति की घड़ी में हम अपनी ओर से सहयोग करेंगे। मामले की जानकारी मिलने पर बनवासी कल्याण आश्रम के सह संगठन मंत्री आनंदजी ने हर संभव मदद करने का आश्वासन दिया है।इस मामले को भाजयुमो मंडल अध्यक्ष सुधीर पांडेय ने गंभीरता से लेते हुए कहा कि सहयोग के लिए हम पुरजोर सहयोग करेंगे। इन सभी के बावजूद मरीज के परिजनों ने बताया कि ग्राम प्रधान को मामले की जानकारी होने के बावजूद कभी सुध लेने नहीं आया ।