पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट

वाराणसी।जिलाधिकारी कौशलराज शर्मा द्वारा आज वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संग डोमरी स्थित सतुआ बाबा गौशाला का भ्रमण किया गया।
* जिलाधिकारी ने गौशाला परिसर में आम का पेड़ तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा नीम का पेड़ लगाया गया।
* उन्होंने एक नव निर्मित गौशाला का फीता काट कर उद्घाटन किया। मौके पर गौशाला में रखी गई गायों को तिलक लगा कर गौ-पूजन किया माला पहनाकर गुड़ खिलाया।
* इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आश्रम हमेशा से ही गौ सेवा के लिए जाना जाता रहा है। आश्रम को अधिक से अधिक समाज से जुड़ कर लोगों का सर्वांगीण विकास का कार्य करना चाहिए।
* आश्रम मे गौ-पालन के अलावा प्रकृति की गोद में ज्वार बाजरा आदि विलुप्त प्राय: फसलों की खेती कर उसे बचाने और बढ़ावा देने का कार्य किया जा रहा है।
* उन्होंने कहा कि गोशालाओं में देशी गायों की नस्लों को विकसित और संरक्षित किया जा सकता है। देशी गायों का दूध वास्तव में सबसे पौष्टिक होता है जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए अच्छा सप्लिमेंट हो सकता है।
* यहां गौशाला में देशी गायों का अच्छा संवर्धन किया गया है।
* कहा कि आज किसान अगर एक देशी गायों को अपना ले तो दो तीन एकड़ तक की खेती बिना कृषि लागत के हो सकती है।
* किसानो को कहा कि अगर किसान देशी गायों के गोबर व गोमूत्र में जो उर्वरक होता है उससे फसल कि उत्पादकता बढ़ जाती है। जो रसायन डालने पड़ते हैं उसकी बचत होती है हमारी पारंपरिक खेती इसी पर आधारित रही है।
* मौके पर उपस्थित वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें देशी गायों से जो लाभ मिलता है वह हमारी परम्परा का हिस्सा रही हैं। इसी के साथ उन्होंने अन्य जीव जंतुओं से प्रेम करना उनकी रक्षा करना पेड़ पौधों की रक्षा तथा पर्यावरण की रक्षा सब कुछ हमारी जिम्मेदारी है कि हम इन सबको किसी तरह नुकसान न पहुंचायें।
* उन्होंने विशेष जोर देकर कहा कि जीवों की तस्करी करने वाले जीवों के बड़े शत्रु हैं उनको मार कर उनके अंगों की तस्करी करते हैं जो किसी तरह रोका जाना चाहिए, इससे हमारा पर्यावरण संतुलन बिगड़ता है।
* उदाहरण देते हुए कहा कि अछुआ की अनेक प्रजातियां पायी जाती हैं जिसमें एक प्रजाति अंतरर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बहुमूल्य बताया जाता है जो पूरे विश्व में केवल 500 की संख्या में ही बचे हैं अगर इसे बचाया नहीं गया तो वह धरती से विलुप्त हो जायेंगे तो प्रकृति का जैविक संतुलन बिगड़ जायेगा।
* विभिन्न पक्षियों व वन्य जीव हमारे पर्यावरण का संतुलन बनाये रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
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