स्वास्थ्य डेस्क । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से तेजपत्ते के लाभ…
अक्सर हमें पुलाव बिरयानी की प्लेट में तेजपात
नज़र आता है जिसे हम बड़े करीने से किनारे कर देते हैं। आपको पता है कि ये बहुत चमत्कारी औषधि है !
इसका पेड़ पचीस फुट तक ऊँचा होता है और इस पर पीले रंग के फूल लगते हैं। इसमें रासायनिक खोज करने पर तीन तरह के तेल पाए गए हैं। उतपत्त तेल ,यूजीनाल और आइसो यूजीनाल। इसे हिन्दी में तेजपात और संस्कृत में तमालपत्र कहते हैं। इसे वैज्ञानिक भाषा में Cinnamomum tamala कहते हैं।
आइये इसके औषधीय गुणों पर दृष्टिपात करें।
दमा में –*तेजपात , पीपल,अदरक, मिश्री सभी को बराबर मात्र में लेकर चटनी पीस लीजिए। १-१ चम्मच चटनी रोज खाएं ४० दिनों तक।फायदा सुनिश्चित है।
दांतों के लिए —*सप्ताह में तीन दिन तेजपात के बारीक चूर्ण से मंजन कीजिए। दांत मजबूत होंगे, दांतों में कीड़ा नहीं लगेगा , ठंडा गरम पानी नहीं लगेगा , दांत मोतियों की तरह चमकेंगे।
कीड़े से बचाने के लिए —-*कपड़ों के बीच में
तेजपात के पत्ते रख दीजिए ,ऊनी,सूती,रेशमी
कपडे कीड़ों से बचे रहेंगे। अनाजों के बीच में ४-५
पत्ते डाल दीजिए तो अनाज में भी कीड़े नहीं लगेंगे। उनमें एक दिव्य सुगंध जरूर बस जायेगी।
शारीरिक दुर्गन्ध —–* अनेक लोगों के मोजों से दुर्गन्ध आती है ,वे लोग तेजपात का चूर्ण पैर के
तलुवों में मल कर मोज़े पहना करें। पर इसका मतलब ये नहीं कि आप महीनों तक मोज़े धुलें ही न। वैसे भी अंदरूनी कपडे और मोज़े तो रोज धुलने चाहिए। मुंह से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का टुकड़ा चबाया करें। बगल के पसीने से दुर्गन्ध आती है तो तेजपात का चूर्ण पावडर की तरह बगलों में लगाया करें।
आँखों की रोशनी —–* अगर अचानक आँखों कि रोशनी कुछ कम होने लगी है तो तेजपात के बारीक चूर्ण को सुरमे की तरह आँखों में लगाएं। इससे आँखों की सफाई हो जायेगी और नसों में ताजगी आ जायेगी जिससे आपकी दृष्टि तेज हो जायेगी। इस प्रयोग को लगातार करने से चश्मा भी उतर सकता है।
गैस —–*पेट में गैस की वजह से तकलीफ महसूस हो रही हो तो ३-४ चुटकी या ४ मिली ग्राम तेजपात का चूर्ण पानी से निगल लीजिए।
एसीडिटी की तकलीफ में इसका लगातार सेवन बहुत फायदा करता है और पेट को आराम मिलता है।
हार्ट प्राब्लम —–* तेजपात का अपने भोजन में लगातार प्रयोग कीजिए , आपका ह्रदय मजबूत
बना रहेगा ,कभी हृदय रोग नहीं होंगे।
पागलपन —–*एक एक ग्राम तेजपात का चूर्ण सुबह शाम रोगी को पानी या शहद से खिलाएं।या तेजपात के चूर्ण का हलुआ बनाकर खिलाएं। सूजी के हलवे में एक चम्मच तेजपात का चूर्ण डाल दीजिए। बन गया हलवा।
हकलाना —-* तेजपात के टुकड़ों को जीभ के नीचे रखा रहने दें ,चूसते रहे। एक माह में हकलाना खत्म हो जाएगा।
जुकाम —-* दिन में चार बार चाय में तेजपत्ता
उबाल कर पीजिए ,जुकाम-जनित सभी कष्टों में आराम मिलेगा। या चाय में चायपत्ती की जगह तेजपत्ता डालिए। खूब उबालिए ,फिर दूध और चीनी डालिए।
पेट दर्द —-* पेट की किसी भी बीमारी में तेजपत्ते का काढा बनाकर पीजिए। दस्त, आँतों के घाव, भूख न लगना सभी में आराम मिलेगा।