चोपन/सोनभद्र (अरविन्द दुबे) भाजपा जिला कार्यसमिति सदस्य व व्यापार मंडल अध्यक्ष चोपन संजय जैन ने उत्तर प्रदेश सरकार के IGRS द्वारा लोक निर्माण विभाग को पोर्टल के माध्यम से लिखा बन्द पड़े पुल पर शिकायत पत्र।
गौरतलब हो की नक्सली अवधारणा से पूर्वग्रसित जनपद सोनभद्र सांस्कृतिक रूप से व जनजातीय उत्थान का अप्रतीम उदाहरण रहा है तथा अब नीति आयोग 2020 की डेल्टा रैंकिंग की 112 जिलो की सूची में सर्वाधिक आकांक्षी जिले के रूप में भारत में प्रथम स्थान प्राप्त किया है जिसके लिए वर्तमान जिलाधिकारी एस रामलिंगम को सम्मानित भी किया गया।
बड़ी बात यह है कि सोनभद्र भारत का एकमात्र जिला है जो कि सूबे सहित अन्य चार सीमावर्ती राज्यों को जोड़ता है यही नही इन सभी राज्यों के मुख्य प्रवेश मार्ग सोनभद्र से होकर जाते हैं तथा इन चार राज्यों के विशेष औद्योगिक जोन का मुख्य परिवहन भी जनपद सोनभद्र से ही होकर गुजरता है ऐसे में यह जिला भौगोलिक ,आर्थिक व सांस्कृतिक रूप से स्वयं में एक महत्वपूर्ण सेतु का जीता जागता प्रमाण है।
उससे भी महत्व पूर्ण बात यह है कि प्रदेश को दूसरा सर्वाधिक राजस्व मुहैया कराने वाले सोनभद्र जिले का स्थान रहा है जिसका सर्वाधिक महत्वपूर्ण वाराणसी शक्तिनगर (SH)मार्ग है जिसपर की जिले के लगभग सभी निजी, राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर की औद्योगिक इकाइयों जैसे कि अनपरा, ओबरा,शक्तिनगर ,बीजपुर आदि पनबिजली व कोल परियोजनायें व डाला चोपन विशेष निजी औद्योगिक क्षेत्र का परिवहन होता है व सीधे अटल जी की बहुउद्देश्यीय NHAI एक्सप्रेस वे विश्वसुंदरी(NH) से डायरेक्ट जाकर मिलता है तथा वहां से पूरे देश को लिंकअप करता है
ऐसे में तीन तरफ से 【सोन,रेड़ व कनहर नदियों,(विंध्य व कैमूर पर्वत श्रृंखला)】 से घिरा चोपन कस्बा जो कि वाराणसी शक्तिनगर हाइवे पर स्थित है जिसमें की चोपन पुल इन सारी बहुमुखी विकास की श्रृंखला में सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है
संजय जैन ने कहा कि इस पुल को लेकर विभाग के द्वारा लापरवाही देखी जा रही है लगभग 20 वर्षो पहले एक नए पुल का निर्माण हुआ । जो पुराना पुल था। उसको बन्द कर दिया गया और नए पुल को चालू कर टोल भी कई वर्षो तक वसूला गया अब टोल बन्द हो गया लगभग 5 वर्ष पहले ACP कम्पनी द्वारा वाराणसी से हाथीनाला तक सड़क चौड़ीकरण किया गया ACP कम्पनी द्वारा पुराना पुल को चालू कर दिया गया था परन्तु अब ACP कपनी रोड का टोल भी ले रही है लेकिन अज्ञात कारणों से चोपन पुल पर जो प्रकाश की व्यवस्था थी वह बंद कर दी गयी वही चौड़ीकरण के दौरान पचास वर्ष से पुराने पुल को चालू कर दिया गया था वह भी पुल बंद पड़ा है अब प्रश्न यह है कि चोपन नदी के ऊपर बने पुल उपरांत पुराना पुल क्यों बंद किया और फिर क्यो चालू किया गया जबकि पूरे वर्ष में अगर देखा जाय तो महज ये से दो माह तक सेतु यदा कदा करके चालू रहता है तथा विद्युत व्यवस्था जो पुल पर लगी थी बंद क्यों हो गयी । श्री जैन ने मांग किया कि इन सभी बातों पर संज्ञान लेते हुए जनहित में दोनों पुल चालू करवाये जाए तथा जिन जिम्मेदार व्यक्ति द्वारा व ठेकेदार द्वारा लापरवाही की जा रही है उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दंड दिया जाए । तथा लोकनिर्माण विभाग से जनहित में इस विषय पर जल्द से जल्द कार्यवाही करने की मांग की ।