धर्म डेक्स। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से ॐ नमः शिवाय का रहस्य

क्यों हमे बार बार नमः शिवाय /
ॐ नमः शिवाय बोलना चाहिए
ॐ नमः शिवाय सिर्फ एक मन्त्र नही, हमारी उत्तपत्ति है….
यह हमारे जीवन को पहचान देता है….
ॐ हमारा निराकार रूप दर्शाता है…
जब शून्य था और कुछ नही था तब सबसे पहले ज्योति के साथ “ॐ” की ध्वनि उतपन्न हुई थी यह दर्शाता है कि
तुम ही ज्योति हो.
तुम ही निराकार हो
तुम ही अनन्त हो….
नमः शिवाय तुम्हारे साकार रूप को दर्शाता है…
यह मन्त्र तुम्हारे पांच तत्वों को प्रदर्शित करता है…
न – पृथ्वी तत्व
म – जल तत्व
शि- अग्नि तत्व
वा – वायु तत्व
य. – आकाश तत्व
नमः शिवाय दर्शाता है तुम्हारे पांचो शरीरो को
अन्नमय कोष (न)
प्राणमय कोष (म)
मनोमयकोष (शि)
ज्ञानमयकोश (वा)
आंनन्दमयकोश (य)
नमः शिवाय तुम्हें याद दिलाने के लिए है…
कि तुम्हे अब “ॐ”तक की अपनी यात्रा को पूर्ण करना है
साकार से अपने निराकार रूप तक की..
नर से नारायण तक की..
यात्रा को पूर्ण करना है ।
नमः शिवाय के निरन्तर जप से हमारी तत्व शुद्धि होती है,
हमारे कर्म कटते है और हमारा मन पवित्र होता है…
सभी को क्षमा करना,
सभी को स्वीकार करना,
सभी को निश्चल प्रेम देना
नमः शिवाय
SNC Urjanchal News Hindi News & Information Portal