धर्म डेक्स । जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से आज हम बात कर रहें है कौआ पक्षी की, जिसकी हमारे लोक गीतों में भी काफी मान्यता है…
‘मोरी अटरिया पै कागा बोले।
मेरा जियरा डोले, कोई आ रहा है।।
इसका मतलब यह है कि कौआ पक्षी का छत की मुडेंर पर बैठकर कांव-कांव करना, बार-बार बैठना और उड़ जाना किसी प्रियसी-पत्नी के लिए इशारा है, उसके प्रेमी पति प्रियतम के आने का और वह अधीरता से गुन-गुनाती है।
यदि आप यात्रा प्रारम्भ करने जा रहे है, उस समय कौआ पक्षी आपको शुकन-अपशकुन के संकेत देता है।
1-यदि कोई व्यक्ति यात्रा के लिए जा रहा है और उसी समय कौआ आकर आपके घर पर बोले तो समझो यात्रा लाभदायक है।
2-अगर कौआ पक्षी यात्री के घर की तरफ मुंह करके मीठी बोली बोले तो यात्री की किसी मित्र से भेंट होती है।
3-यदि यात्रा के समय या अन्य किसी समय पर कोई कौअे को संभोग करते हुये देख ले तो मृत्यु तुल्य कष्ट या मृत्यु का समाचार मिलता है।
4-यदि कोई जातक शासकीय या व्यक्तिगत कार्य से जा रहा हो और घर से निकलते समय कौआ बोले या बोलकर उड़ जाये तथा उड़कर पश्चिम दिशा की ओर चला जाये तो कार्य में निश्चित सफलता मिलती है।
5-उपरोक्त स्थिति में यदि कौआ पश्चिम से उत्तर दिशा की ओर जाये तो कार्य देरी से बनता है।
6-यदि कौआ उड़कर दक्षिण दिशा की ओर चला जाये तो कार्य में असफलता मिलती है।
7-यदि कौआ पक्षी यात्रा करते वक्त उपर से नीचे की ओर उतरता दिखाई दे तो समझो कार्य में बाधायें आयेंगी।
8-अगर यात्रा के समय कौअे की चोंच में गोश्त या हड्डी का टुकड़ा हो तो कार्य में अड़चने आयेंगी और यात्रा करते समय सावधानी भी बरतनी होगी।