आदि परंपराओं व संस्कृति को जीवित रखने में आदिवासी समुदाय का संपूर्ण विश्व रहेगा सदैव ऋणी-श्रवण

विश्व आदिवासी दिवस पर जनजाति मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष को किया सम्मानित

पंकज सिंह@sncurjanchal

म्योरपुर।21 वीं सदी का दौर है, हर ओर विकास की बात की जा रही है, मानव सभ्यताओं को जीवित रखने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।ऐसे में सभ्यता और संस्कृति के संरक्षण की सूई हमारे आदिवासी समाज की ओर घूम ही जाती है।उसकी वजह भी है क्योंकि हर आदि परंपराओं का सृजन और उस संस्कृति को जीवित रखने में इस समुदाय का संपूर्ण विश्व सदैव ऋणी रहेगा।उक्त बातें वन्यजीव बोर्ड उत्तर प्रदेश के सदस्य श्रवण सिंह गौड़ ने विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर रासपहरी में आयोजित कार्यक्रम कही।इस दौरान उन्होंने कहा कि कई सदियों तक बुनियादी सुविधाओं के घोर अभाव के बावजूद प्रकृति की इबादत करना और उसके संरक्षण के विभिन्न आयामों को गढ़ने में आदिवासी समुदाय की भूमिका विश्व में अनुकरणीय रही है।भौतिकतावादी युग में संस्कृति और अनूठी परंपराओं के साथ सामंजस्य बैठा पाना आज भी एक चुनौती है।कहा आज यह समुदाय अपनी समृद्धशाली परंपराओं एवं जीवनशैली को संरक्षित करने के लिए अपने संघर्ष और सहनशीलता की वजह से नये आयाम गढ़ रहा है, यह

हमारे लिए हर्ष की बात है।उन्होंने कहा हमारे आदिवासी समाज की कृतियां और गाथाएं विश्व आदिवासी दिवस के मौके पर बतायी जानेवाली सुक्तियां नहीं हैं, बल्कि पूरे विश्व समुदाय के लिए ऐसी प्रेरक घोषणाएं हैं, जिनके माध्यम से हर दिन नये जीवन का प्रारंभ कर सकते हैं।कहा आदिवासी समुदाय एक ऐसा समूह है, जो अपनी परंपरा-संस्कृति को अपने सीने से लगा कर सदैव चलता रहा है।हड़प्पा संस्कृति और मोहनजोदड़ो की खुदाई में पाये गये बर्तन में आज भी आदिवासी समुदाय के लोग खाना खाते हैं, पर आज आदिवासी समुदायों के गिरते जीवन स्तर पर भी हमें

चिंतन करने की आवश्यकता है।इस मौके पर उन्होंने भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष राम दुलार सिंह गौड़ को एवं जिलामहामंत्री भाजपा जीतसिंह खरवार को अंगवस्त्रम देकर सम्मानित किया।इस मौके पर सूरज ओझा, मोनू जायसवाल, रविंद्र कुमार, संदीप कुमार, अनिरुद्ध प्रताप, समय बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

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