पुरुषोत्तम चतुर्वेदी की रिपोर्ट
वाराणसी।पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और संवेदनहीनता का मामला सामने आया है। मंडलीय अस्पताल पहुंची महिला को पहले अस्पताल में ठीक इलाज नहीं मिला और जब इलाज के अभाव में उसने दम तोड़ दिया तो शव वाहिनी न मिलने के कारण स्ट्रेचर के सहारे ही परिजन शव को घर गए।
वाराणसी में स्वास्थ्य विभाग की संवेदनहीनता की तस्वीर सामने आई है। जिले के मंडलीय अस्पताल में वृद्धा की मौत के बाद जब परिजनों को डेड बॉडी घर ले जाने के लिए गाड़ी नहीं मिली तो परिजनों ने स्ट्रेचर से मृत महिला का शव का लेकर घर चले गए। स्वास्थ्य विभाग के संवेदनहीनता की का ये वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार की सुबह शहर के छोटी पियरी क्षेत्र की रहने वाली कलावती देवी की अचानक तबियत बिगड़ गई। आनन फानन में परिजन महिला को लेकर शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल पहुंचे। अस्पताल के कर्मचारियों ने पहले मरीज के इलाज से इनकार कर दिया। काफी जद्दोजहद के बाद स्वास्थ्यकर्मियों ने करीब 2 घण्टे बाद महिला का इलाज शुरू किया। शाम होने के साथ ही महिला की तबियत और बिगड़ी तो डॉक्टरों ने उन्हें 2 इंजेक्शन लगाए, जिसके कुछ देर बाद ही महिला की मौत हो गई।
मौत के बाद जब परिजनों ने शव को घर ले जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की तो घंटों इंतजार के बाद भी उन्हें एम्बुलेंस नहीं मिली, जिसके बाद स्ट्रेचर की मदद से ही उसके परिजन शव को लेकर घर गए। स्वास्थ्य विभाग के संवेदनहीनता और लापरवाही का ये वीडियो जब सोशल मीडिया पर वारयल हुआ तो वाराणसी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने इस मामले में जांच के बाद कार्रवाई की बात कही।
ये है अस्पताल प्रशासन की दलील
शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ प्रसन्ना ने बताया कि अस्पताल में शव को घर ले जाने के लिए किसी एम्बुलेंस की व्यवस्था नहीं है। शव वाहिनी की मदद से शव को ले जाने की व्यवस्था है। इस मामले में शव वाहिनी को सूचना दी गई थी लेकिन मृतक के परिजनों ने इंतजार नहीं किया और स्ट्रेचर से ही शव को लेकर चले गए।