हानिकारक हो सकते हैं नेगेटिव किरदार-स्नेहा वाघ


—अनिल बेदाग—

मुंबई: अभिनेताओं को अपनी ज़िन्दगी में कई किरदार निभाने पड़ते हैं। कुछ के लिए ये बहुत आसान होता है परदे पर ढल जाना और कुछ इन किरदारों को निभाते निभाते इनमें डूब जाते हैं।ऐसे में जो किरदार पॉजिटिव होते हैं वो सकारात्मक असर डालते हैं तो नेगेटिव किरदार हानिकारक असर भी डाल सकते हैं।
अभिनेत्री स्नेहा वाघ आजकल सीरियल “ज्योति” के टाइटल रोल में दिख रही हैं। उन्होंने अपने
अभिनय के सफर का एक किस्सा बांटा, “एक अदाकारा के तौर पर मैंने बहुत कुछ पाया है, पहले मैं बहुत नयी थी पर अब मैं अपने किरदार के साथ जुड़ जाती हूँ। शुरुवात में मैं भावनाओं में बह जाती थी जो एक कलाकार के लिए अच्छा होता है लेकिन कभी कभी आपको नुक्सान भी पहुचा सकता है। एक बार जब में एक मनहूस का किरदार निभा रही थी तो मैंने 2-3 महीने तक लोगों से बात करनी बंद कर दी थी। बाद में मुझे एहसास हुआ कि ऐसा करना ठीक नहीं। इसीलिए मैंने अभिनय में किरदार के स्विच ओन और स्विच ऑफ वाली तिकड़म लगानी शुरू की। मैंने अपनी निजी ज़िन्दगी और परदे की ज़िन्दगी को अलग किया ताकि मुझे कोई मानसिक उलझन ना हो। मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी कि कैसे मैं अपने किरदारों को खुद पर हावी ना होने दूँ। कभी-कभी आपके कुछ किरदार भटका देते हैं और आप असल ज़िन्दगी में भी अभिनय करने लगते हो। एक कलाकार के लिए ये सबसे बड़ी चुनौती होती है।”
ज्योति एक कहानी है कि कैसे एक युवा महिला अपने परिवार की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपने सपनों का बलिदान करती है। वह सभी प्रकार की बाधाओं पर विजय प्राप्त करती है ताकि उसका परिवार एक सभ्य जीवन जी सके।ज्योति वर्तमान में दंगल में प्रतिदिन रात 9 बजे प्रसारित होता है, जिसके अगले दिन सुबह 10 बजे फिर से दोहराया जाता है।

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