जरहा शौचालय घोटाला :— परन्द्रह साल बाद 354 इज्जत घर का बाहर निकला जिन्न ग्रामीणों ने निष्पक्ष जाँच की उठाई माँग

—- भष्टाचार की पराकाष्ठा कागजों पर बना शौचालय और लाभार्थी भी स्वच्छ भारत मिशन के तहत कागजों पर ही शौच कर सरकार को दिखा रहे आईना

बीजपुर , सोनभद्र , जनपद सोनभद्र के म्योरपुर ब्लाक स्थिति जरहा गाँव में शौचालय घोटाला सुर्खियां बटोर रहा है। जिलाधिकारी एस राजलिंगम के कड़े तेवर से कर्ताधर्ता में जहां हड़कम्प मचा हुआ है वहीं मंगलवार से उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गठित 05 सदस्यीय जाँच टीम भी गाँव मे पहुँच कर शौचालय के स्थलीय सत्यापन में जुट गई है। जनचर्चा पर गौर करें तो गाँव मे 2005 से 2010 के बीच 354 शौचालय 16 लाख में बनवाने थे प्रत्येक शौचालय की लागत उसवक्त 05 हजार हुआ करती थी। तत्कालीन सचिव और ग्राम प्रधान की साठ गाँठ से कुछ चहेतों के घरों में शौचालय का निर्माण तो कराया गया लेकिन उस वक्त लाभार्थी सहित फोटो बेबसाइट पर अपलोड न होने के कारण अधिकांश की धनराशि बन्दर बाँट कर ली गयी। उक्त के सम्बंध में गाँव के कुछ सम्मानित लोगों ने उच्चाधिकारियों से शिकायत भी की थी मामले की जाँच के बाद रिकबरी के आदेश होने के बावजूद कुछ भी नहीं हुआ और समय के साथ वक्त के तहखाने में सब कुछ दफन होकर रह गया। 2014 से 2017 के बीच गाँव मे पुनः 667 शौचालयों का निर्माण एस बी एम योजना के तहत कराना था लेकिन इसमें भी सैकड़ो फर्जी लाभार्थियों के नाम की सूची कागत पर बना कर शासन को भेज दी गयी और लाखों रुपये का बन्दर बाँट इज्जत घर के नाम पर दूसरी बार भी कर लिया गया। पुराने मामले की जाँच की आग सुलग ही रही थी कि 2017 से 2020 के कार्यकाल में 295 शौचालय फिर आ गए हालांकि वर्तमान सचिव ने खतरे की आशंका को समझते हुए शतप्रतिशत शौचालय का निर्माण एस बी एम योजना के तहत कराया और जाँच में नए की पहचान अलग हो इस लिए सभी शौचालयों के छत पटिया से बनाये गए जिससे नए और पुराने की जाँच में घालमेल न हो। मिली जानकारी पर भरोसा करें तो 2005 से 2020 के बीच कुल 1983 शौचालय बनाने थे लेकिन धरातल पर अभी भी सैकड़ों शौचालय गाँव मे नदारत हैं । शौचालयों का निर्माण कागज पर दिखा भी दिया गया और लाभार्थी स्वच्छ भारत मिशन के तहत कागजों पर ही शौच कर स्वच्छ भारत मिशन को आइना दिखा रहे हैं। उधर गाँव के निवासी पन्नालाल गुप्ता ने बताया कि 15 से 20 साल पुराने टूटे फूटे शौचालयों की रँगाई पुताई करा कर घट रहे शौचालयों की खानापूर्ति कर किसी तरह अपनी गर्दन बचाने की जुगत में पूरा अमली जामा लगा हुआ है। हालांकि जन चर्चा पर गौरकरें तो इसके लिए मुँह बन्द रखने के लिए ऐसे कुछ लाभार्थियों को पैसा भी बांटा जा रहा है जो राज को खोल सकते हैं। इसबाबत जिला पंचायत राज अधिकारी आर के भारती की माने तो जाँच टीम पहले सभी निर्मित शौचालयों की नम्बरिंग कोड़ करेगी फिर लाभार्थी सहित शौचालय की फ़ोटो बेबसाइट पर अपलोड की जाएगी तो अपने आप सब दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।

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