जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से हल्दी के औषधीय गुण व प्रयोग……

स्वास्थ्य डेस्क। जानिये पंडित वीर विक्रम नारायण पांडेय जी से हल्दी के औषधीय गुण व प्रयोग……



हल्दी घर की पिसी हुई होना आवश्यक है।
हल्दी के गुणों से अमूमन हर कोई परिचित
होता है। भारतीय खाने की हल्दी के बिना कल्पना करना भी मुश्किल है। हल्दी का उपयोग पाचन तंत्र को सुधारने में, सूजन कम करने में और शरीर के शोधन में हजारों सालों से उपयोग किया जा रहा है। इसमें पाया जाने वाले तत्व करक्यूमिनोइड्स और वोलाटाइल तेल कैंसर रोग से लड़ने के लिए भी जाने जाते हैं।

सर्दियों के मौसम में हल्दी की गांठ का उपयोग सबसे अधिक लाभदायक है और यह समय हल्दी से होने वाले फायदों को कई गुना बढ़ा देता है क्योंकि कच्ची हल्दी में हल्दी पाउडर की तुलना में ज्यादा गुण होते हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कच्ची हल्दी के इस्तेमाल के दौरान निकलने वाला रंग हल्दी पाउडर की तुलना में काफी ज्यादा गाढ़ा और पक्का होता है।

कच्ची हल्दी, अदरक की तरह दिखाई देती है। इसे ज्यूस में डालकर, दूध में उबालकर, चावल के व्यंजनों में डालकर, अचार के तौर पर, चटनी बनाकर और सूप में मिलाकर उपयोग किया जा सकता है।

शोध से साबित हो चका है कि हल्दी में लिपोपॉलीसेच्चाराइड नाम का तत्व होता है इससे शरीर में इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। हल्दी इस तरह से शरीर में बैक्टेरिया की समस्या से बचाव करती है। यह बुखार होने से रोकती है। इसमें शरीर को फंगल इंफेक्शन से बचाने के गुण होते है।

लाइफस्टाइल डेस्क: भारत में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वालों मसालों में हल्दी टॉप पर है। इसका उपयोग खाने में स्वाद बढ़ाने और रंग भरने के लिए होता है। इंडिया में शादी में एक रस्म ‘हल्दी’ की भी होती है, जिसमें दूल्हा-दुल्हन के शरीर पर हल्दी लगाई जाती है। इसके पीछे मान्यता है कि हल्दी से रंग निखरता है और शादी के दिन चेहरे पर एक अलग ही ग्लो नज़र आता है। सेहत के लिहाज़ से भी इसका सेवन बहुत लाभकारी है। आज हम आपको हल्दी के कुछ ऐसे ही उपयोग बताएंगे।

उम्र घटाए- हल्दी चेहरे पर जम रही अनचाही परतों को अपने औषधीय गुणों द्वारा कम करती है और आपकी बढ़ती उम्र का पता नहीं लगने देती।

उपाय- इसके लिए आप तीन चम्मच बेसन में एक चौथाई चम्मच हल्दी और पानी मिलाकर पेस्ट बनाएं। पानी की जगह आप कच्चा दूध या दही भी मिला सकती हैं। चेहरे पर अच्छे से लगाकर इसे सूखने दें और उसके बाद गुनगुने पानी से हल्का मसाज करते हुए धो लें।

झुर्रियां- चेहरे पर पड़ रही झुर्रियों के कारण आप समय से पहले ही बूढ़ी दिखने लगती हैं। हल्दी को आप अलग-अलग तरह की चीजों में मिलाकर इस्तेमाल करेंगी, तो आपके चेहरे पर पड़ रही झुर्रियां दूर हो जाएंगी और त्वचा दमकेगी।

ऐसे करें हल्दी का उपयोग

– कच्चे दूध, टमाटर का रस, चावल का आटा और हल्दी एक साथ मिलाकर पेस्ट बनाएं। इसे चेहरे पर लगाकर कुछ देर सूखने दें। दूध में मौजूद लैक्टिक एसिड आपकी डेड हो रही स्कीन को रिपेयर करता है।
– छाछ और गन्ने के रस में हल्दी मिलाकर पीने से आंखों के नीचे पड़ रहे काले घेरे और झुर्रियां ठीक होती हैं।
– हल्दी और शहद का पेस्ट बनाकर चेहरे पर लगाने से त्वचा के पोर्स (रोम छिद्र) खुल जाते हैं, जिससे त्वचा को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है और त्वचा फिर से जवां दिखने लगती है।

कुछ अन्य फायदे मुहांसे और उसके निशान ठीक होते हैं, स्ट्रेच मार्क्स हटते हैं, जलने के निशान मिटते हैं, फेशियल होता है, फटी एड़ियां ठीक होती हैं।

दूध और हल्दी – रोग को पास ना आने दे।

आयुर्वेद में हल्दी को सबसे बेहतरीन नेचुरल एंटीबायोटिक माना गया है।
इसलिए यह स्किन, पेट और शरीर के कई रोगों में उपयोग की जाती है।
हल्दी के पौधे से मिलने वाली इसकी गांठें ही नहीं, बल्कि इसके पत्ते भी बहुत उपयोगी होते हैं।

ये तो हुई बात हल्दी के गुणों की, इसी प्रकार दूध भी प्राकृतिक प्रतिजैविक है।
यह शरीर के प्राकृतिक संक्रमण पर रोक लगा देता है।
हल्दी व दूध दोनों ही गुणकारी हैं, लेकिन अगर इन्हें एक साथ मिलाकर लिया जाए तो इनके फायदे दोगुना हो जाते हैं।
इन्हें एक साथ पीने से कई स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं दूर होती हैं।

हल्दी वाला दूध बनाने का तरीका

गर्मियों में एक चौथाई चम्मच और सर्दियों में आधा चम्मच हल्दी एक गिलास दूध में उबाल कर उसे फेंट का खूब झाग बनाकर पीना लाभकारी होता है

अगर उपलब्ध हो तो देसी गाय का घी आधा चम्मच डाले तो सोने पे सुहागा

हडि्डयों को पहुंचाता है फायदा

रोजाना हल्दी वाला दूध लेने से शरीर को पर्याप्त मात्रा में कैल्शियम मिलता है। हड्डियां स्वस्थ और मजबूत होती है। यह ऑस्टियोपोरेसिस के मरीजों को राहत पहुंचाता है।

गठिया दूर करने में है सहायक
हल्दी वाले दूध को गठिया के निदान और रियूमेटॉइड गठिया के कारण सूजन के उपचार के लिए उपयोग किया जाता है। यह जोड़ो और पेशियों को लचीला बनाकर दर्द को कम करने में भी सहायक होता है।

टॉक्सिन्स दूर करता है
आयुर्वेद में हल्दी वाले दूध का इस्तेमाल शोधन क्रिया में किया जाता है। यह खून से टॉक्सिन्स दूर करता है और लिवर को साफ करता है। पेट से जुड़ी समस्याओं में आराम के लिए इसका सेवन फायदेमंद है।

कीमोथेरेपी के बुरे प्रभाव को कम करते हैं
एक शोध के अनुसार, हल्दी में मौजूद तत्व कैंसर कोशिकाओं से डीएनए को होने वाले नुकसान को रोकते हैं और कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करते हैं।

कान के दर्द में आराम मिलता है
हल्दी वाले दूध के सेवन से कान दर्द जैसी कई समस्याओं में भी आराम मिलता है। इससे शरीर का रक्त संचार बढ़ जाता है जिससे दर्द में तेजी से आराम होता है।

चेहरा चमकाने में मददगार
रोजाना हल्दी वाला दूध पीने से चेहरा चमकने लगता है। रूई के फाहे को हल्दी वाले दूध में भिगोकर इस दूध को चेहरे पर लगाएं। इससे त्वचा की लाली और चकत्ते कम होंगे। साथ ही, चेहरे पर निखार और चमक आएगी।

ब्लड सर्कुलेशन ठीक करता है
आयुर्वेद के अनुसार, हल्दी को ब्लड प्यूरिफायर माना गया है। यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को मजबूत बनाता है। यह रक्त को पतला करने वाला आैर लिम्फ तंत्र और रक्त वाहिकाओं की गंदगी को साफ करने वाला होता है।

शरीर को सुडौल बनाता है
रोजाना एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर लेने से शरीर सुडौल हो जाता है। दरअसल गुनगुने दूध के साथ हल्दी के सेवन से शरीर में जमा फैट्स घटता है। इसमें उपस्थित कैल्शियम और अन्य तत्व सेहतमंद तरीके से वेट लॉस में मददगार हैं।

स्किन प्रॉब्लम्स में है रामबाण
हल्दी वाला दूध स्किन प्रॉब्लम्स में भी रामबाण का काम करता है।

Translate »